रायपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 23 अक्टूबर। भाजपा अध्यक्ष विष्णुदेव साय ने कहा है कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार छत्तीसगढ़ में अघोषित आपातकाल थोपने का कुचक्र चलाकर संविधानप्रदत्त अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार को छीनने के अपने चिर-परिचित राजनीतिक चरित्र का प्रदर्शन कर रही है। एक लोकतांत्रिक व्यवस्था में इस तरह की बातें अक्षम्य हैं।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष श्री साय ने कवर्धा की सांप्रदायिक हिंसा के मद्देनजर प्रदेश सरकार के एकांगी दुराग्रह और उसके दबाव व इशारों पर की गई प्रशासनिक कार्रवाईयोंं का उल्लेख करते हुए कहा कि कवर्धा मामले में मूल दोषियों को गिरफ्तार करने के बजाय जान-बूझकर भाजपा के नेताओं और कार्यकर्ताओं को एफआईआर करके जेल में डाला गया है। भाजपा नेताओं के खिलाफ सबूत होने के किए जा रहे दुर्भावनापूर्ण दावों के मद्देनजर कोई भी सबूत अब तक सार्वजनिक नहीं किए गए हैं।
श्री साय ने तीखे लहजे में कटाक्ष किया कि झीरम के नक्सली-कांड के सबूत जेब में लिए घूमने की शेखी बघारते मुख्यमंत्री बघेल को सबूत के दावे करने की लत तो है, पर सबूत पेश करने में वे हमेशा फिसड्डी ही साबित होते हैं। हालात यह हैं कि मुख्यमंत्री और सरकार के मंत्री ख़ुद पुलिस को बता रहे हैं कि किस व्यक्ति के खि़लाफ़ कब और किस धारा में केस दर्ज करना है! श्री साय ने कहा कि कानूनी कार्रवाई और प्रक्रिया तक करने की पुलिस को कोई स्वतंत्रता नहीं रह गई है।