राजनांदगांव

सागौन तस्करी में आईटीबीपी डीआईजी पर लटक रही बर्खास्तगी की तलवार
24-Oct-2021 1:15 PM
सागौन तस्करी में आईटीबीपी डीआईजी पर लटक रही बर्खास्तगी की तलवार

   फोर्स की जांच में डीआईजी को नोटिस   

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 24 अक्टूबर।
डोंगरगढ़ वन परिक्षेत्र के तोतलभर्री के जंगल से सालभर पहले सागौन की तस्करी के मामले में आईटीबीपी के डीआईजी छोटाराम जाट पर बर्खास्तगी की तलवार लटक रही है। दिसंबर 2020 में कडक़ड़ाते ठंड में रात को ग्रामीणों ने आईटीबीपी के जवानों को वाहन से सागौन की लकडिय़ां  ले जाते पकड़ा था। इस मामले में वन महकमे ने कार्रवाई करते हुए जवानों पर 10 हजार रुपए की पेनाल्टी भी लगाई थी। पेनाल्टी के बाद जवानों को छोड़ दिया गया था। आईटीबीपी के द्वारा मामले की छानबीन शुरू करने के कुछ घंटों के भीतर डीआईजी छोटाराम जाट को फ्रंटियर क्षेत्र लेह में भेज दिया गया।  इस मामले की जांच काफी दिनों से चल रही थी।

सूत्रों का कहना है कि डीआईजी को आईटीबीपी की ओर से बर्खास्तगी की नोटिस थमाई गई है। एक जानकारी के अनुसार आईटीबीपी की तरफ से डीआईजी जाट को सेवामुक्त करने के प्रस्ताव की जानकारी दी गई है। आईटीबीपी एफ्स रूल्स के तहत 15 दिन का नोटिस डीआईजी को दिया गया है। सूत्रों का कहना है कि जवानों ने अपने बयान में सागौन तस्करी के लिए डीआईजी के निर्देश का हवाला दिया गया है। इसके बाद आईटीबीपी ने अवैध गतिविधियों में संलग्न डीआईजी के खिलाफ जांच शुरू की गई।

सूत्रों का कहना है कि आईटीबीपी ने इस मामले को इसलिए भी गंभीरता से लिया, क्योंकि जिस इलाके में आधी रात को जवानों को तस्करी के लिए भेजा गया, वह घोर नक्सल प्रभावित है। आईटीबीपी के उच्च स्तरीय जांच टीम ने डीआईजी पर जवानों के जान को बेवजह झोंकने का भी मामला बनाया है। पैरामिलिट्री फोर्स आईटीबीपी करीब एक दशक से राजनांदगांव जिले में नक्सल मोर्चे में तैनात है। एक आला अफसर के कथित लापरवाही को संगीन मानते हुए आईटीबीपी ने बर्खास्तगी की नोटिस जारी की है।

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