रायगढ़
पीडि़त परिवार से मिले आदिवासी भाजपा नेता नंदकुमार साय
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायगढ़, 24 अक्टूबर। रायगढ़ जिले के उसरौट गांव के एक आदिवासी युवक ईश्वर सिदार द्वारा पुलिस प्रताडऩा के बाद आत्महत्या के मामले में भाजपा नेता नंदकुमार साय ने पीडि़त परिवार को एक करोड़ मुआवजा देने की मांग की है।
उन्होंने यह भी मांग की है कि मामले में तत्काल गिरफ्तारी हो और जांच बाहर की एजेंसी से करवाई जाए। उनका कहना है कि परिवार के लोगों को स्थानीय पुलिस की जांच में भरोसा नहीं है। इसलिए इसकी जांच अन्य जांच एजेंसी से करवाई जाय।
श्री साय ने कहा कि सरकार को ऐसी चीजें देखनी चाहिए और कोशिश यह होनी चाहिए कि ऐसी परिस्थिति निर्मित ही न हो। उन्होंने यह भी कहा है की मामले में जांच कर इसमें धाराएं भी बढ़ाई जानी चाहिए। 20 अक्टूबर को कोतरा रोड थानान्तर्गत उसरौट गाबव के आदिवासी युवक ईश्वर सिदार ने अपने घर में फंसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी और दीवार पर लिख दिया था कि नमो पटेल और चंद्रा पुलिस ने जान ली है।
पुलिस प्रताडऩा के बाद आदिवासी युवक द्वारा आत्महत्या के मामले में भाजपा नेता के उस बयान को लेकर आगे सवाल उठाने की बातें शुरू हो गई है जिसमें उन्होंने आरोपियों के खिलाफ भादवि की धारा 306 के बजाय 302 लगाने की मांग की है। इस मसले पर विधि विशेषज्ञों ने 302 धारा लगाने की बात को शिरे से खारिज करते हुए इसे तकनीकि रूप से असम्भव बताया है।
इस मसले पर जब ‘छत्तीसगढ़’ ने विधि के जानकारों से बात की तो उन्होंने कहा कि तकनीकी रूप से यह संभव नहीं है। स्थानीय वकील आशीष मिश्रा ने से बात करते हुए कहा कि धारा 299 और 300 में मानव वध और सदोष मानव वध को परिभाषित किया गया है। इस मामले में आत्महत्या के लिए उत्प्रेरणा का मामला बनता है और धारा उसके लिए आईपीसी की धारा 306 ही है। उन्होंने यह भी कहा कि इस धारा में भी दोष सिद्ध होने पर आजीवन कारावास तक कि सजा का प्रावधान है लेकिन धारा 302 नहीं लग सकता।