कोरिया

संविधान के प्रावधानों का उल्लंघन कर किया गया है कोरिया का विभाजन-शर्मा
24-Oct-2021 9:24 PM
  संविधान के प्रावधानों का उल्लंघन कर किया गया है कोरिया का विभाजन-शर्मा

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

बैकुंठपुर (कोरिया), 24 अक्टूबर। कोरिया जिले के विभाजन को लेकर लगातार जिला मुख्यालय बैकुंठपुर में कोरिया बचाव मंच के तत्वावधान में क्रमिक अनशन लगातार बीते 23 अगस्त से शुरू हुआ और 23 अक्टूबर को 63 वे दिन समाप्त हुआ। इसके पूर्व कोरिया बचाव मंच के पदाधिकारियो के द्वारा राज्यपाल  अनुसुईया उईके और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से मिलकर कोरिया जिले के विभाजन के बाद उत्पन्न स्थितियों से अवगत कराया और लिखित रूप में ज्ञापन सौंपा गया।

इस संबंध में कोरिया बचाओ मंच के सदस्य पं अनिल शर्मा का कहना है कि हम सब राज्यपाल से मिले और उन्हें ज्ञापन सौपा है, जिस उन्होने सकारात्मक जवाब दिया है, उन्होने कहा है कि वो इसका अध्ययन करने के बाद कार्यवाही करूंगी।

प्रदेश की राज्यपाल अनुसुईया उईके सौंपे गये ज्ञापन में उल्लेख किया गया है कि भारतीय संविधान की पांचवी अनुसूची के अनुच्छेद 244-1 के निहित प्रावधानों के विपरीत अनुसूचित जिला कोरिया का विभाजन किया गया जो कि पूर्ण रूप से विकसित स्वरूप भी नही बन पाया था। ज्ञापन में उल्लेख किया गया कि अनुसूचित क्षेत्र जिला कोरिया जो पूर्व में सरगुजा जिले से विभाजित होकर 25 मई 1998 को अस्तित्व में आया। जिले का नाम यहॉ के धरोहर कोरियागढ को आस्था के केंद्र के रूप में मान्यता देते हुए रखा गया है। कोरिया जिले की कुल जनसंख्या  658917 एवं  मतदाताओं की कुल संख्या 449368 एवं 3 विधान सभा क्षेत्र है जिसमें ग्राम पंचायतों की संख्या 363 तथा विकासखंडों की संख्या 5 है तथा क्षेत्रफल 5978 वर्ग किमी है। जिसे मुुख्यमंत्री द्वारा गत 15 अगस्त को मनेंद्रगढ नये जिला की घोषणा की जिससे क्षेत्र के लोग अत्यधिक व्यथित एवं चिंतीत है ।अनुसूचित जिले में पदस्थ प्रशासनिक एवं शासन के द्वारा मनमानी कार्यविधि की जा रही है। छग के अनुसूचित  क्षेत्रों के प्रशासन पर राज्यपाल का प्रतिवेदन वर्ष 2016-17 के अनुसार भारतीय संविधान की पॉचवी अनुसूचि  के अनुचछेद 244-1 में निहित प्रावधानों के अंतर्गत जिले के प्रशासनिक तंत्र की कार्यवाही नही की जा सकती। अनुसूचित क्षेत्रों और अनुसूचित जनजातियों के प्रशासन एवं नियंत्रण के संबंध में संविधान का 7वां संशोधन अधिनियम 1956 की धारा 29 और अनुसूची द्वारा या राज्य प्रमुख शब्दों का लोप किया गया है। जिसमें अनुसूचित क्षेत्र हैं प्रतिवर्ष जब भी राष्ट्रपति इस प्रकार अपेेक्षा करें उस राज्य के अनुसूचित क्षेत्रों के संबंध में राज्यपाल प्रतिवेदन देंगे और संघ की कार्यपालिक शक्ति विस्तार राज्य को उक्त क्षेत्र के प्रशासन के बारे में निर्देश देगा तभी विस्तारीकरण किया जा सकता है। तथा लोक अधिसूचना द्वारा निर्देश दे सकेगा कि संसद या उस राज्य के विधान मंडल का कोइ विशिष्ट अधिनियम उस राज्य या अनुसूचित क्षेत्र के किसी भी भाग पर लागू नही होगा।  उक्त क्षेत्र में ऐसे किसी भी नियम के बनाने में राज्यपाल उस राज्य के विधानमंडल के अधिनियम का विद्यमान विधि का जो प्रश्नगत क्षेत्र में तत्समय लागू है को निरस्त या संशोधन कर सकेगा।

पांचवी अनुसची के भाग ख में अनुसूचित क्षेत्रों वाले प्रत्येक राज्य में जनजातीय सलाहकार परिषद के गठन का प्रावधान है। जिसका कर्त्तव्य अनुसूचित जन जातियों के कल्याण और उन्नति से संबंधित मामले पर सलाह देना जैसा कि राज्यपाल द्वारा उन्हे संदर्भित किया जा सके एवं भारत सरकार के अधिनियम 1935 के अनुसार गर्वनर अनुसूचित क्षेत्रों में प्रत्यक्ष या अपने अभिकर्ताओं के माध्यम से नीति निर्धारण कर सकेगा। ज्ञापन सौंपने वालों में पं अनिल शर्मा, शैलेष शिवहरे, संजय गुप्ता, विजय सिंह ठाकुर, बसंत राय शामिल रहे।

अन्य पोस्ट

Comments

chhattisgarh news

cg news

english newspaper in raipur

hindi newspaper in raipur
hindi news