गरियाबंद

चांद को देख सुहागिनों ने तोड़ा व्रत
25-Oct-2021 5:09 PM
चांद को देख सुहागिनों ने तोड़ा व्रत

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
नवापारा-राजिम, 25 अक्टूबर।
नगर सहित अंचल में करवा चौथ पर सुबह से सुहागिन महिलाओं ने निर्जला व्रत रखा।
रविवार को करवा चौथ का त्योहार परंपरागत तरीके से मनाया गया। सुहागिनों ने सजधज कर आस पड़ोस की महिलाओं के साथ एकत्र हो सामूहिक रूप से करवाचौथ की कथा सुनीं और पति के दीर्घायु होने की कामना कर देर शाम छलनी में चंद्र दर्शन के बाद पति के हाथों उपवास खोला। इस दौरान जगह-जगह खुशियां मनाई गई। घरों में पकवान भी बने।

 इस मौके पर मंदिरों में भी सुबह से भीड़ देखने को मिली। करवा चौथ को लेकर अधिकांश महिलाओं के अलावा पहली बार व्रत रखने वाली नवविवाहिताओं में इस पर्व को लेकर खासा उत्साह दिखा। करवा चौथ का व्रत रखने वाली सुहागिनें अलग ही नजर आई। श्रृंगार के साथ दुल्हन की तरह तैयार रही। दिनभर इनका समय पूजा-अर्चना में बीता, करवा चौथ उद्यापन में महिलाओं ने कथा सुनी।

वैसे करवाचौथ का व्रत हर समाजिक लोगों द्वारा द्वारा अलग-अलग ढंग से मनाया जाता है। कुछ समाज की महिलाएं कोई छलनी से चंद्र को देखती हैं और उसके बाद पति के हाथों जल ग्रहण कर व्रत छोड़ती हैं। कई सुहागिनें सरगी में दीपक जलाकर चंद्रदेव की पूजा करती हैं और व्रत छोड़ती हैं। सभी महिलाएं इस व्रत को अखंड सौभाग्य के लिए रखती हैं। करवा चौथ में सरगी का काफी महत्व हैं। सरगी सास की तरफ से बहू को दिया जाने वाला उपहार है। जानकारों के अनुसार चन्द्रमा की प्रसन्नता का अर्थ है, स्वयं प्रजापिता ब्रह्मा का प्रसन्न होना। इस दिन गणेश की पूजा परिवार की बुद्धि निर्मल कर देती है।  मां पार्वती सभी व्रतधारी महिलाओं को सदा सुहागन होने के वरदान देती हैं।
 

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