सरगुजा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
अम्बिकापुर, 25 अक्टूबर। दाऊ श्री वासुदेव चंद्राकर कामधेनु विश्वविद्यालय दुर्ग के द्वारा आदिवासी उपयोजना अंतर्गत 24 अक्टूबर को अम्बिकापुर जनपद के ग्राम सकालो की 30 आदिवासी महिला हितग्राहियों का चूजा, दाना, औषधि एवं उपकरण वितरण किया गया। यह आदिवासी उपयोजना भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली द्वारा वित्त पोषित है।
इस समारोह में मुख्य अतिथि वासुदेव चंद्राकर कामधेनु विश्वविद्यालय, दुर्ग के कुलपति डॉ. एन. पी. दक्षिणकर, प्रभारी उप संचालक पशुचिकित्सा डॉ. तनवीर अहमद, पशु चिकित्सक डॉ.सी.के. मिश्रा, निदेशक विस्तार शिक्षा, डॉ. आर. पी. तिवारी, प्राचार्य, वेटनरी पॉलीटेक्नीक, डा. ए. के. गौर, तथा ग्राम सकालो के सरपंच सहित बड़ी संख्या में समूह की महिलाएं एवं ग्रामीणजन उपस्थित थे।
टीएसपी की इस योजना अंतर्गत प्रत्येक हितग्राही को 200 चूजों, 250 किग्रा चिक मैस, 05 ड्रिंकर, 04 फीडर, 01 चिकगार्ड, 01 ग्रीन मेट, कुक्कुट औषधि, सप्लीमेंट इत्यादि दिए गए। ग्राम सकालों की हितग्राही मानमति को इनक्यूबेटर भी दिया गया। कामधेनु विवि के कुलपति डॉ. एन. पी. दक्षिणकर ने अपने उद्बोधन में सरगुजा क्षेत्र को पोल्ट्री हब के रूप में विकसित करने एवं आदिवासी समूह के आजीविका सुधार मुर्गीपालन द्वारा करने हेतु इस आदिवासी उपयोजना को उपयोगी बताया।
निदेशक विस्तार डॉ. आर. पी. तिवारी ने बताया कि यह परियोजना आदिवासी समूह में वैज्ञानिक विधि से मुर्गीपालन हेतु प्रेरित करेगी, जिससे उसका आर्थिक उन्नयन हो सके। इस परियोजना के मुख्य अन्वेषक डॉ ओ. पी. दिनानी ने बताया कि इस परियोजना के प्रथम चरण में चार दिवसीय जागरूकता एवं प्रदर्शनी कार्यक्रम का आयोजन ग्राम सकालो एवं सरगंवा में किया गया ।