बस्तर
जगदलपुर, 27 अक्टूबर। मेडिकल कॉलेज से लेकर अन्य सभी पीएचसी, सीएचसी के अलावा महारानी अस्पताल में लगभग 2 वर्षों से सेवा दे रहे डीएमएफटी के स्टाफ को नौकरी से निकाले जाने की बात की सूचना मिलते ही बुधवार को सभी स्टाफ मेकाज के अधीक्षक कार्यालय के सामने धरने में बैठकर अपनी बातों को लेकर पहुँच गए, जहाँ अधिकारी ने संघ के 2 सदस्यों को बुलाकर बातचीत करते हुए 31 अक्टूबर तक कार्य अवधि में रहने की बात कही गई है।
डीएमएफटी स्टाफ ने बताया कि विगत 3 माह से वेतन नही मिलने से काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है, जिसमें कई स्टाफ किराए के मकान में रह रहे है तो कई स्टाफ होम लोन नहीं पटा पा रहे हंै, कई स्टाफ एजुकेशन लोन नहीं दे पा रहे हैं, तो कई स्टाफ को किराने की दुकानदार ने सामान देने से मना कर दिया है, 3 माह से वेतन नहीं मिलने के कारण स्टाफ कई बार बस्तर कलेक्टर से भी मिलने गए, लेकिन मुलाकात नहीं होने के कारण उन्होंने अन्य अधिकारियों को अपनी समस्याओं को लेकर ज्ञापन भी सौंप चुके हंै।
लगातार वेतन नहीं मिलने के कारण स्टाफ के द्वारा आबकारी मंत्री से मिलकर उन्हें ज्ञापन भी सौंप चुके हैं, जहां उन्हें जल्द ही वेतन मिलने की बात कही गई थी, लेकिन बुधवार को अचानक जारी हुए आदेश में डीएमएफटी स्टाफ को नवंबर के पहली तारीख से हटाए जाने की बात सामने आई है, लेकिन स्टाफ को अभी तक जिला प्रशासन की ओर से कोई भी पत्र नहीं मिला है, जिसमें इस बात को कहा गया है कि उन्हें हटाया जा रहा है।
वेतन न मिलने की बात को लेकर बुधवार को अधीक्षक के पास पहुचे कर्मचारियों ने अपने वेतन को जल्द से जल्द दिलाने की बात कही है, इसके अलावा मेकाज की बात करे तो यहां करीब 3 सौ के लगभग स्टाफ है, जिसमे डॉक्टर से लेकर सफाई कर्मचारी तक शामिल हैं।