सुकमा
सुरक्षाबलों ने करवाई एम्बुलेंस की व्यवस्था
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दोरनापाल, 6 नवंबर। सुकमा जिला मुख्यालय के कोंटा ब्लॉक के मिनपा कैम्प में एक गर्भवती के प्रसव के लिए जद्दोजहद उस वक्त नजर आई, जब दुर्गम बीहड़ों में स्थित एलमागुंडा के ग्रामीण गर्भवती को चारपाई में लेकर मीनपा कैम्प के पास पहुंचे। उन्होंने जवानों को समस्या बताई। आदिवासी मां और शिशु की जान बचने सुरक्षाबलों ने कोशिश शुरू की और महिला को स्वास्थ्य सुविधा का वक्त रहते लाभ दिलाया।
गौरतलब है कि जिले में सुकमा पुलिस व प्रशासन के संयुक्त प्रयास से चलाए जा रहे पूना नार्कोम अभियान से अब ग्रामीणों में विश्वास के साथ ग्रामीणों तक शासन की योजना का लाभ भी पहुंच रहा है।
ज्ञात हो कि लगभग साढ़े दस बजे कैम्प मिनपा में एलमागुंडा के दो लडक़े बाइक में आये व बताया कि एक महिला दो दिन से प्रसव पीड़ा में है और उसको अस्पताल पहुंचाने के लिए एम्बुलेंस चाहिए। उन्होंने यह भी बताया कि कुछ लोग उसको चारपाई पर ला रहे हैं और वो दस-पंद्रह मिनट में पहुंचने वाले ही हैं। इसकी सूचना तुरन्त कैम्प मिनपा में मौजूद वरिष्ठ अधिकारी विक्रम सिंह टूआईसी 131 बटालियन सीआरपीएफ को दी और लभ शर्मा एसी/150 बटालियन व दिनेश पाल सिंह एसी. एफ/ 131 बटालियन कैम्प के गेट पर पहुंचे। वहां पूरे मामले की जानकारी लेकर तुरन्त 102 व 108 के माध्यम से एम्बुलेंस मंगवाने की कोशिश की, मगर सरकारी औपचारिकताओं व संभवत: एम्बुलेंस अनुपलब्धता के कारण नहीं मिली।
स्वास्थ्य सुविधा दिलाने के लिए जद्दोजहद
स्वास्थ्य सुविधा मुहैया करवाने ब्लॉक चिकित्सा अधिकारी से भी बात की गई, किन्तु उनसे संपर्क नहीं हो पाया। इसके बाद कैम्प मिनपा के अधिकारियों द्वारा तुरन्त थाना प्रभारी चिंतागुफा निरीक्षक मनीष मिश्रा को सपंर्क किया गया। जिनके द्वारा जल्द से जल्द एम्बुलेंस की व्यवस्था कर भिजवाने का आश्वासन दिया गया। जब तक उक्त महिला को चारपाई में लेकर कुछ लोग कैम्प मिनपा पहुंच चुके थे।
इसी बीच 241 बस्तरिया बटालियन व 150 बटालियन के जवानों ने गर्भवती महिला व गांव वालों के लिए खाने पीने का भी उचित इंतजाम किया। इस प्रकार सीआरपीएफ व सुकमा पुलिस के सम्मिलित प्रयासों से लगभग साढ़े बारह बजे एम्बुलेंस पहुंच चुकी थी और प्रसूूता को सकुशल भिजवाया जा सका।
सीआरपीएफ के अधिकारियों द्वारा महिला के परिवार को आर्थिक मदद का प्रस्ताव भी दिया गया। उन्होंने बताया कि उनके पास पर्याप्त रुपये नहीं है। सीआरपीएफ के अधिकारियों द्वारा कुछ आर्थिक मदद की गई। इस संबंध में पुलिस अधीक्षक सुकमा सुनील शर्मा ने कहा कि अंदरूनी इलाकों में कैम्प की स्थापना के साथ साथ पूना नर्कोम अभियान के तहत दूरदराज के ग्रामीणों को हमारे सुरक्षाबल के जवान हमेशा ही मदद को सामने आते हैं। इस बार भी जब ग्रामीणों ने इसकी जानकारी दी। हमारे जवानों ने उन्हें मदद मुहैया करवाई। हमारा प्रयास इलाके में सुरक्षा के साथ ग्रामीणों को शासन की योजना औऱ सुविधाओं का लाभ पहुंचाना है।