नारायणपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
नारायणपुर, 10 नवंबर। नारायणपुर जिला मुख्यालय के खंड शिक्षा अधिकारी का एक पत्र इंटरनेट मीडिया पर वायरल हो रहा है। जिसमें मुझे बिना साक्ष्य के निलंबन किया गया था मैं दोषमुक्त हूं... 45 दिनों बाद भी मुझे आरोप पत्र नहीं दिया गया है जिस वजह से मेरा निलंबन का आदेश स्वमेव निरस्त हो गया है।
इंटरनेट मीडिया में यह पत्र वायरल होते ही शिक्षा जगत में घमासान मच गया है। इधर इस मामले में कलेक्टर धर्मेश साहू ने बताया कि बीईओ के निलंबन के बाद आरोप पत्र जारी कर दिया गया है। आरोप पत्र की तामिली हुई कि नहीं इसे चेक करवाने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है।
बहरहाल सोमवार का दिन खंड शिक्षा कार्यालय नारायणपुर के लिए बहुत ही चर्चा का रहा। सुबह 10.15 बजे के करीब अपने निलंबन की बहाली की बात कहते हुए डॉ. खेमेश्वर पानीग्राही बकायदा कार्यालय पहुंचे। वहां पहुंचते ही नेम प्लेट नहीं दिखने पर कर्मचारियों पर नाराजगी जताते हुए नेम प्लेट हटाने पर कड़ा ऐतराज जताया। इस दौरान उन्होंने बीईओ का पदभार संभाल रही महिला अधिकारी पर रौब दिखाते हुए कहा कि मैडम 45 दिनों तक आपने बढिय़ा कार्यालय चला लिया। अब जाइए स्कूल का दौरा कर मुझे शाम तक रिपोर्ट बताइए। इसके बाद महिला अधिकारी कार्यालय से चली गई।
ज्ञात हो कि अश्लील वीडियो के मामले में बीईओ को बस्तर कमिश्नर ने निलंबित कर दिया है। 45 दिनों बाद भी बीईओ की पदस्थापना नहीं हुई है। कार्यालय की व्यवस्था को बनाए रखने के लिए सहायक खंड शिक्षा अधिकारी को चार्ज दिया गया है। निलंबन के बाद बस्तर से एक अधिकारी को नारायणपुर भेजा गया था, लेकिन राजनीति के चलते अधिकारी को पदभार ग्रहण करने नहीं दिया गया है।