कोरिया
कांग्रेस के गले की हड्डी न बन जाए जिले की घोषणा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बैकुंठपुर (कोरिया), 12 नवंबर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा स्वतंत्रता दिवस के मौके पर कोरिया जिले से मनेंद्रगढ़ को नया जिला बनाये जाने की घोषणा की इसके बाद मनेन्द्रगढ़ में तो गजब की खुशी मनाई गई, परन्तु जिले के बाकि तहसील क्षेत्रों में मायूसी देखी गई, पांचवीं अनुसूची के पेंच के कारण अब तक सरकार ने इस जिले की अधिसूचना जारी नहीं की है। वहीं नए जिले के गठन से कांग्रेस के कब्जेवाली तीनों विधानसभा पर इसका बड़ा प्रभाव देखने को मिलने की उम्मीद अभी से जो कांग्रेसी लगा रहे है उन्हें कहीं झटका न लग जाए। अभी से इसका गणित शुरू हो गया है।
कोरिया जिले का विभाजन कर नया जिला की घोषणा के साथ ही जहां जिले के प्रमुख स्थानों से लोगों द्वारा विरोध किया जाने लगा, लेकिन अब यह आंकलन किया जा रहा है कोरिया जिले का विभाजन कर नया जिला चिरमिरी मनेंद्रगढ़ जनकपुर बनाये जाने के बाद इस बात को लेकर ज्यादा चर्चा है कि राजनीतिक रूप से किस जिले को ज्यादा नुकसान होगा। जिले की तीनों विधानसभा सीट पर जिले के निर्माण से नाराजगी का लाभ भाजपा को मिलने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता। दूसरी ओर भाजपा में भी अंतरकलह काफी ज्यादा हो चला है। वहंी कांग्रेस के अभी तक के कार्यकाल से कांग्रेस के लोग अपने ही जनप्रतिनिधियों से सबसे ज्यादा नाराज देखे जा रहे हैं, जो कांग्रेस की आपसी में जारी गुटबाजी का नतीजा है। जो खत्म न होकर दिन ब दिन बढ़ते जा रही है। नए जिले की घोषणा से इसका राजनीतिक असर भी काफी बुरा पडऩे के आसार अभी से दिख रहे हंै।
भरतपुर-सोनहत में नाराजगी से नुकसान
कोरिया जिले में तीन विधानसभा क्षेत्र हैं, जिनमें से भरतपुर सोनहत विधानसभा क्षेत्र प्रदेश का विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 1 है जो विरल जनसंख्या वाला क्षेत्र है। इस क्षेत्र का ज्यादातर हिस्सा वनांचल व ग्रामीण क्षेत्र है। भले सरकार करोड़ों की सौगात दे परन्तु यहां के लोगों की परेशानियों का अंत नहीं हो पाया हैं। क्षेत्र में भारी भ्रष्टाचार के साथ अवैध रेत के काले कारोबार से लोगों के बीच सरकार की छवि धूमिल कर दी है, ग्रामीणों को 10 दिन तक धरने पर बैठना पड़ा है। हलांकि काफी बड़ा क्षेत्र होने के कारण इस क्षेत्र में दूसरी बार कोई आज तक विधायक नहीं बना पाया है, वहीं सर्व विदित है वर्तमान में भरतपुर से ज्यादा तरजीह मनेन्द्रगढ़ को दी जा रही है। भरतपुर के लोग इसे भेदभाव के रूप में देख रहे हैं। दूसरी ओर जिले के निर्माण के साथ जिलामुख्यालय के निर्माण को लेकर भरतपुर के लोगों को जो आस है, उसे पूर्ण करना सरकार के बस में नजर नहीं आ रहा है। तय है नाराजगी का असर आने वाले विधानसभा चुनाव में साफ दिखेगा।
चिरमिरी के पास सबसे ज्यादा वोटर
मनेन्द्रगढ़ विधानसभा की बात की जाए तो अभी तक मनेन्द्रगढ क्षेत्र से कम ज्यादातर ग्रामीण और चिरमिरी क्षेत्र से विधायकों को विधानसभा की टिकट दी गई है। मनेन्द्रगढ़ विधानसभा में चिरमिरी नगर निगम सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाता आया है, इससे पूर्व तीन बार खडग़वां के बंजारीडांड के निवासी रहे स्व गुलाब सिंह को कांग्रेस ने टिकट दिया और वो दो बार विधायक बने, जबकि एक बार भाजपा ने चिरमिरी से दीपक पटेल तो दो बार खडग़वां से श्याम बिहारी जायसवाल को टिकट दिया दोनों एक एक बार विधायक बने, कांग्रेस ने चिरमिरी से विनय जायसवाल को प्रत्याशी बनाया और एंटी भाजपा लहर मे वो विधायक बन गए। कांग्रेस और भाजपा की राजनीतिक दृष्टि से मनेन्द्रगढ़ में अभी तक कोई बड़ा नेता की खोज नहीं कर पाए है। मनेन्द्रगढ विधानसभा के सबसे ज्यादा संख्या में वोटर चिरमिरी की ताकत रही है। ऐसे में यदि चिरमिरी के मतदाताओं को जिला मुख्यालय को लेकर उनकी मांग अनुरूप कांग्रेस कुछ नहीं करती है तो तय है कि कांग्रेस को इसका नुकसान उठाना पड़ सकता है।
नफे नुकसान का गणित बैकुंठपुर विस
कोरिया जिला मुख्यालय मनेन्दगढ़ के मुकाबले स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में अग्रणी है। यहां गल्र्स व पीजी कॉलेज, पॉलिटेक्निक, कृषि महाविद्यालय की सुविधा है। स्वास्थ्य के क्षेत्र में बीते 3 वर्षों में काफी कुछ बदला है। स्वास्थ्य के क्षेत्र में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। वहीं कोरिया जिले में चरचा कॉलरी, कटकोना, पाण्डवपारा कांलरी है। परन्तु कांग्रेस में गुटबाजी बेहद हावी है। नए जिले के गठन को लेकर लोग कांग्रेस से खासे नाराज है। लोगों का कहना है कि ऐसा कभी नहीं सोचा था जो कांग्रेस ने किया। छोटा जिला होगा तो यहां कौन अधिकारी आना चाहेगा। वहीं भाजपा में यहां आपसी लड़ाई खुलकर जारी है। वहीं कुछ तो ऐसे हैं, जो जमकर सत्ता का लाभ उठाए है अब रणनीति बनाने में लगे है कि टिकट नहीं मिलेगा तो किसे निर्दलीय लड़ा कर समर्थन करना है। अभी तक की स्थिति में कांग्रेस यदि कुछ बड़े निर्णय के साथ विकास कार्य करके दिखाती है तो कुछ लाभ मिल सकता है अन्यथा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का खासा नुकसान की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है।
अब तक हुआ क्या
15 अगस्त 2021 को मनेंद्रगढ जिले की घोषणा होने के साथ ही कोयलांचल चिरमिरी शहरवासियों द्वारा नये जिले का मुख्यालय चिरमिरी में बनाये जाने की मांग को लेकर जिला बनाओं संघर्ष समिति बनायी गयी और अपनी मांगों को लेकर आज तक क्रमिक अनशन में बैठे हुए हंै। इसी बीच कुछ युवाओं के द्वारा चिरमिरी से पैदल मार्च कर राजधानी रायपुर पहुंच अपनी मांगों के समर्थन में मुख्यमंत्री से मिले लेकिन कोई सकारात्मक पहल नहीं हुई। इसके पूर्व चिरमिरीवासियों के विरोध केा देखते हुए मनेंद्रगढ़ जिले का नाम चिरिमरी मनेंद्रगढ भरतपुर करने का ऐलान किया गया क्योंकि चिरमिरी के साथ भरतपुर क्षेत्र के लोग भी नये जिले का मुख्यालय केल्हारी या जनकपुर में रखने की मांग केा लेेकर विरोध प्रदर्शन किया और ऐसा नहीं होने पर जनकपुर को अलग जिला बनाये जाने की मांग को लेकर विरोध के स्वर निकाले।
वहीं कोरिया जिले का विभाजन पर नया जिला चिरमिरी मनेंद्रगढ़ जनकपुर बनाये जाने की घोषणा के बाद से ही कोरिया जिला मुख्यालय बैकुण्ठपुर के व्यापारियों ने अपनी प्रतिष्ठानें बंद कर विरोध जताया और मांग की कि कोरिया जिले में खडग़वां जनपद का पूरा क्षेत्र, कोरिया वन मण्डल तथा सोनहत जनपद क्षेत्र के हिस्से में यथावत शामिल रखने की मांग को लेकर कोरिया बचाव मंच का गठन किया गया और 60 दिनों से अधिक समय तक क्रमिक अनशन चला और इस बीच संसदीय सचिव की अगुवाई में एक प्रतिनिधिमण्डल द्वारा रायपुर जाकर मुख्यमंत्री से मिले तब मुख्यमंत्री ने कोरिया के साथ अन्याय नहीं होने देने तथा न्याय होने का वायदा किया, तब जाकर क्रमिक अनशन समाप्त किया गया।
इस तरह कोरिया जिले का विभाजन कर नया जिला घोषणा के साथ ही जिले के प्रमुख जगहों पर विरोध शुरू हो गया और शांत कोरिया जिला अशांत हो गया।