सुकमा
दक्षिण सब जोनल ब्यूरो ने प्रेसनोट जारी कर की पुलिस जवानों से अपील
जगदलपुर, 12 नवंबर। नक्सलियों के दक्षिण सब जोनल ब्यूरो ने प्रेसनोट जारी कर कहा कि केंद्र-राज्य सरकारों द्वारा मु_ीभर विदेशी व दलाल पूंजीपतियों के फायदे व सुरक्षा के लिए बस्तर को सैनिक शिविर बनाया गया। कारपोरेट-सेक्युरिटी को मजबूत व विस्तार किया जा रहा है। कैंपों की तैनाती के विरोध में हजारों की तादाद में जनता आंदोलन कर रही है। इससे आप समझ सकते हैं कि किसकी सेवा व सुरक्षा के लिए आप इस्तेमाल हो रहे है और किसके विरोध में आप काम कर रहे हैं।
शांति व सुरक्षा के नाम से सरकारें आप लोगों के द्वारा जनता पर हमले करवा रही हैं। देश में आर्थिक महामंदी के कारण बेरोजगारी समस्या विकराल रूप ले लिया। सिर्फ पुलिस विभाग छोडक़र बाकी सभी विभागों में नयी नियुक्तियां बंद कर दी। पुलिस भर्ती के लिए जरूरत रही योग्यताएं ताक में रखकर गांवों से जानवरों का शिकार करने में माहिर युवकों को ही भर्ती करने पर जोर दे रही है। गरीबी, भ्रष्टाचार व बेरोजगारी की वजह से आप लोगों को मजबूरी में आप में से कुछ लोग उच्चस्तर पढ़ाई रहने के बवजूद इस विभाग में भर्ती होना पड़ रहा है। आपकी पढ़ाई से बिल्कुल संबंध नहीं जोडऩे वाली पुलिस नौकरी में भर्ती होना पड़ रहा है, इससे मानसिक तनाव और हताशा से जीने की स्थिति रहती है।
आप अपना पेट पालने के लिए मजबूरी में शोषक वर्ग के लिए काम कर रहे राज्यतंत्र के हिस्से के रूप में काम कर रहे है. यहां के पाकृतिक संसाधनों को लूटने के लिए शोषक वर्ग एक हथियार के रूप में आपको इस्तेमाल कर रहे हैं। आप पर भी शोषण, दबाव, प्रताडऩा जारी है. आप पर दबाव डालते हुए गुलामों जैसा इस्तेमाल कर रही है। आप लोगों से अपने ही किसानों मजदूरों छात्रों माँ भाई, बहनों पर हमले करवा रही है।
अपने परिवारों से दूर रहते हुए अनजान इलाके में लोंगो का जबरदस्त विरोध झेलते हुए आला आधिकारियों की प्रताडऩा का शिकार होते हुए आप मानसिक तनाव में रहने की संभावना बनी रहती है, इसीलिए सुकमा जिले के मराईगुड़ा सीआरपीएफ बेस कैंप में हुई दर्दनाक घटना जैसी घटनाओं का सिलसिला जारी हैं। आप अत्माहत्याएं आपस में हत्याएं करना छोडि़एं अपनी बंदूकों को आला अधिकारियों पर तानिए. पुलिस विभाग में रहते हुए जनविरोधी कामों में शामिल मत होवे. यथासंभव नौकरी छोडि़ए।
आज भगवाकरण, कारपोरेटीकरण के विरोध में देशव्यापी किसान, मजदूर, छात्र, आदिवासी, महिलाओं ने अपने अधिकारों के लिए संघर्ष तेज किया है. ऐसे महौल में आप लोग इन न्यायोचित संघर्षों को दबाने के नाकम प्रयासों में शामिल न होते हुए इन जनवादी संघर्षों में भाग लेने से ठीक रहेगा। जनविरोधी नीतियों पर प्रश्न उठाने वालों को देशद्रोही के रूप में चित्रित करने का प्रयास किया जा रहा है। आपके दिमागों में ऐसे जहरीले प्रचार से भरने की कोशिश किया जा रहा है। आप अपनी सामाजिक स्फूर्ति कायम रखिए. मानवीय मूल्यों को बचाईए। आप हमारे वर्ग दुश्मन नहीं है, आप जनता पर हमला करने आते हैं, तभी हमें प्रतिरोध करना पड़ रहा है।
आप अधिकारियों के दबाव में गुलाम जैसा न रहते हुए अपने अधिकारों के लिए संघर्ष कीजिए। जल-जंगल-जमीन, अस्तित्व अस्मिता अधिकार के लिए संघर्ष कर रहे जनता के पक्ष में रहिए।