सुकमा
गंगालूर एरिया कमेटी ने जारी किया प्रेसनोट
जगदलपुर, 12 नवंबर। नक्सलियों के गंगालूर एरिया कमेटी ने प्रेसनोट जारी कर कहा कि सरकारी पुलिस प्रशासन में तनावपूर्ण गुलाम बनकर नौकरी करने वाले पुलिस जवानों व उनके परिजनों रिश्तेदारों को हमारी माओवादी पार्टी यह अपील कर रही है।
साम्राज्यवादियों के एजेंट केन्द्र-राज्य सरकारी पुलिस प्रशासन में कठोर राज्य यंत्र पुलिस नौकरी में तनावपूर्ण जिंदगी में गुजरते हुये शोसक-शासक वर्गों के लिये जान गंवाना मोर की पंखों से भी कीमत कम है। विगत महिनों में अमित शाह पुलिस अधिकारियों की बैठक कर समाधान प्रहार 3 का रणनीतिक योजना के तहत सीआरपीएफ, सीएसएफ, आईटीबीपी, कोबरा, डीआरजी, एसटीएफ इत्यादि बलों को पद अधिकारियों ने दबावकर जिबरदस्ती मोटीवेशन कर दलित गरीब आदिवासियों व अल्प संख्यक जनता के ऊपर नरसंहार, अत्याचार हत्या करवाने भेज रहे हैं। बस्तर के अंदरूनी इलाकों में माओवादी उन्मूलन अभियानों में पिछड़े जाति के पुलिस जवनों को जान गंवाना पड़ रहा है। इसका नतीजा ही सामने आ रही है। फिलहाल बीजापुर जिला लिंगनपल्ली पुलिस कैम्प में 8 नवंबर 2021 को सीआरपीएफ 50वीं बटालियन के जवानों ने आपसी विवाद में रितेश रंजन ने फायरिंग कर चार जवानों को मौत की घाट उतारा और तीनों को घायल करना मानसिक तनाव बिगडऩे से नहीं हुआ, यह एक मनगढ़ंत कहानी है। पूर्व में भी ऐसी कई घटनाएं हो चुकी है।
दूसरी ओर सीआरपीएफ के डीजी कुलीप सिंह, एडीजी जुल्पीकार हसन, एडीजी नितिन अग्रवाल, डीआईजी योग्यान सिंह, सुकमा एसपी सुनील शर्मा, राज्य के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल उनके लाशों में दुख व्यक्त नहीं करते हैं, क्योंकि उच्च वर्ग के बड़े दलाल पूंजीपति मुकेश अंबानी, अदानी जैसे करोड़ पतियों को फायदे के लिये देश के पिछड़े तबकों के बेरोजगार युवा-युवतियों को पुलिस नौकरी देकर खूनी खराबी करते हुए देश का जल, जंगल, जमीन खनिज संपदाओं को विदेशी कारपोरेट घरानों को सौंप रहे हैं। कुछ मुट्ठी भर लोगों के लिये पुलिस नौकरी कर पालतू न मरे, सभी पुलिस जवान सोचिए। अपनी परिवार के साथ अच्छी नौकरी कर अच्छी जिंदगी जीने के लिये वर्गहीन समाज स्थापित करने लिये हमारी वर्ग संघर्ष व जनयुद्ध में आगे आवे। इस शोषक-शासक वर्ग जड़ों को उखाड़ फेंके समानता समाज के लिये किसान, मजदूरों ने कर रहे आंदोलन में भाग लेवें।