कोरिया

कोरोनाकाल में किए काम का मानदेय चाहिए, मिला पैसा नहीं करेंगे वापस- मितानिन
18-Nov-2021 2:23 PM
कोरोनाकाल में किए काम का मानदेय चाहिए, मिला पैसा नहीं करेंगे वापस- मितानिन

डीपीएम ने दी समझाईश, कहा नहीं की है पैसे वापसी की मांग  
'छत्तीसगढ़' संवाददाता
बैकुंठपुर (कोरिया), 18 नवंबर।
आज जिले भर के गांव-गांव में पदस्थ मितानिनों ने सीएमएचओ कार्यालय पहुंचकर कोरोनाकाल में किए गए कार्यों के एवज में मिलने की वाली राशि की मांग की। मितानिनों को डीपीएम रंजना पैकरा ने समझाया, तब मितानिनें वापस लौटीं। वहीं भाजपा के जिला अध्यक्ष कृष्ण बिहारी भी मौके पर पहुंचें और मितानिनों को आश्वस्त किया कि भाजपा उनके साथ है।

दरअसल, कोरोना काल में मितानिनों की बेहद संवेदनशील भूमिका से इंकार नहीं किया जा सकता है। पहले कोरोना जांच और फिर बाद में वैक्सीनेशन अभियान में उनकी भागीदारी किसी से छिपी नहीं है, जिसे देखते हुए कोरोनाकाल में काम करने के एवज में 1 हजार रू महीना देने का फैसला राज्य सरकार ने किया था, पहले तीन महीने के 3 हजार रूपए कोरिया जिले की सभी मितानिनों के खाते में आ भी गए।

बताया गया कि अब कुछ दिन पूर्व उनको दिए 3 हजार वापसी का पत्र भी जारी हो गया, जिससे वो अपने आपको ठगा सा महसूस कर रही हैं। पहले मितानिनों को तहसील स्तर पर इसका विरोध किया, कलेक्टर कार्यालय में ज्ञापन भी सौंपा और गुरूवार को जिले भर की मितानिनों ने सीएमएचओ कार्यालय का घेराव करने पहुंचीं। जिसके कारण सीएमएचओ कार्यालय मितानिनों से भर गया।

 काफी गहमागहमी के माहौल के बीच डीपीएम रंजना पैकरा ने उन्हें समझाया कि आप लोगों से किसी भी तरह की राशि की वापसी नहीं होगी, राशि सरकार द्वारा जो भी नियम अनुसार भेजी जाती है, यदि भेजी जाएगी तो सीधे आपके खाते में आएगी, जैसे पूर्व में आई है। अभी और राशि सरकार से प्राप्त नहीं हुई है। जिसके बाद मितानिनों को गुस्सा कम हुआ और वो अपने घर की ओर लौट गईं।

20 महीने का भुगतान चाहिए
सीएमएचओ कार्यालय पहुंचीं मितानिनों ने बताया कि पूरे कोरोनाकाल में जब कोई कोरोना से ग्रसित मरीज को छूना पसंद नहीं करता था, वे जान पर खेल कर न सिर्फ उनकी जांच करवाती बल्कि महिला मरीजों को लेकर कोविड अस्पताल भी आया करती थी, जब बात टीकाकरण की आई तो लोगों का टीके को लेकर सबसे बड़ी चुनौती सामने आई, अफवाह फैली हुई थी और हम लोगों के घर जाकर उन्हें टीके के फायदे बताकर उनको अफवाह से बाहर निकाला, और टीकाकरण अभियान को सफल बनाया। ऐसे मेें हम लोग मार्च 2020 से अभी तक इस कार्य में लगे हुए हंै। सरकार ने हमे मात्र 3 माह की राशि दी है, जबकि हमें अभी तक हर माह की राशि चाहिए।

2700 मितानिन हंै जिले में पदस्थ
कोरिया जिले में कुल 27 सौ मितानिनें पदस्थ हंै, जो ग्रामीण और शहरी क्षेत्र में घर-घर जाकर लोगों के स्वास्थ्य का परीक्षण, गर्भवती महिलाओं का संपूर्ण इलाज कराने में प्रमुख भागीदारी निभा रही हैं।

 

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