नारायणपुर

बेमौसम बारिश से किसान मायूस
18-Nov-2021 5:21 PM
बेमौसम बारिश से किसान मायूस

लखमा ने सर्वे कर मुआवजा प्रकरण बनाने के दिये आदेश

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
नारायणपुर, 18 नवंबर।
प्रदेश के उद्योग एवं आबकारी मंत्री कवासी लखमा ने बस्तर कमिश्नर तथा अपने प्रभार वाले 5 जिले के कलेक्टरों को बस्तर में हुए बारिश से किसानों को हो रहे नुकसान को देखते हुए फसल सर्वे कराने के निर्देश दिए हैं।

उन्होंने निर्देश में कहा है कि तत्काल सर्वे कराया जाए ताकि नुकसान का मुआवजा किसानों को दिया जा सके। श्री लखमा ने अपने प्रभार वाले जिले बस्तर, कोंडागांव, नारायणपुर, दंतेवाड़ा और बीजापुर जिले के कलेक्टर तथा कमिश्नर से कहा है कि फसल का सर्वे करने राजस्व अमले तहसीलदार, नायब तहसीलदार, राजस्व निरीक्षक और पटवारियों को फील्ड में भेजा जाए।

उन्होंने जारी विज्ञप्ति में कहा कि बस्तर में हुए बारिश से किसानों के फसल को काफी नुकसान हुआ है। इस संबंध में बस्तर प्रवास के दौरान किसानों ने बारिश से हुए नुकसान की जानकारी दी है। सरकार के निर्णय अनुसार 1 दिसंबर से समर्थन मूल्य पर धान खरीदी किया जाना है। भूपेश सरकार को किसानों की चिंता है इसलिए फसल सर्वे अति आवश्यक है।  कलेक्टरों से लखमा ने कहा है कि जल्द से जल्द फसल सर्वे का काम पूर्ण कर इसकी रिपोर्ट प्रस्तुत किया जाए।

बेमौसम बारिश से किसानों की धान की फसल हुई बर्बाद
 जिले में मौसम का मिजाज अचानक बदल गया है। आसमान में घने बादल छा जाने से बारिश की संभावना बढ़ गई है। शनिवार से आसपास के क्षेत्र में तेज बारिश हुई जो रात 10 बजे तक चलती रही। किसान इन दिनों धान की कटाई में लगे हुए हैं। धान की कटाई कर किसान अपनी फसलों को खेत खलिहानों में एकत्रित कर मिजाई करने की तैयारी में जुटे हुए हैं। ऐसे में अचानक बेमौसम बारिश से किसानों की फसल बर्बाद हो रही है। पहले ही किसान कीट प्रकोप की मार से परेशान हैं। वहीं दूसरी ओर बेमौसम बारिश की मार से किसानों की कमर तोड़ दी है। किसान परेशान हैं कि कृषि कार्य के लिए बैंकों से लिए गये ऋण को  कैसे चुकता करेंगे। खेती किसानी के अंतिम समय में इस तरीके से बेमौसम बारिश को कैसे झेले किसान।  थमने का नाम नहीं ले रही है जिससे किसानों के माथे में चिंता की लकीरें साफ दिख रही है।

किसान लक्ष्मीकात पवार, खेमराज बरेट, गुरुदयाल बताते हैं कि मौसम की मार से हमारे खेतों में पड़ी हुई लाखों की फसल बर्बाद हो गई है। बैंक का कर्ज कैसे चुकता करें, यही चिंता सता रही है।

गौरतलब है कि छोटेडोंगर क्षेत्र में पहले ही  कई किसानों की फसल कीट प्रकोक के कारण बर्बाद हो चुकी है। अब बेमौसम बारिश से किसानों की फसल पुरी तरह से बर्बाद हो चुकी है, ऐसे में किसान चाहते हैं कि सरकार क्षेत्र को प्राकृतिक आपदा घोषित करें।

 किसानों को 20 हजार रुपये प्रति एकड़ मुआवजा दें सरकार-प्रदेश अध्यक्ष
आम आदमी पार्टी प्रदेश अध्यक्ष कोमल हुपेंडी ने प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से सरकार से मांग की है कि जिस प्रकार दिल्ली की केजरीवाल सरकार फसलों के होने वाले नुकसान पर प्रति एकड़ 20 हजार रुपये मुआवजा देती है, वैसे ही छत्तीसगढ़ सरकार भी घोषणा करें। बरसात हो जाने की वजह से किसानों की तैयार फसलें पानी मे भीग कर खराब हो गई है, ऐसे में उन किसानों को 20 हजार रुपये प्रति एकड़ का मुआवजा मिले।

कोमल हुपेंडी ने कहा कि पहले ही भूपेश सरकार एक माह देर से धान खरीदी शुरू कर रही है, वहीं सहकारी समितियों की हड़ताल के चलते धान खरीदी में किसानों के पंजीयन की समस्या भी अब तक बरकरार है। वहीं जिला अध्यक्ष नरेन्द्र नाग ने कहा कि सरकार को किसानों का एक-एक दाना धान खरीदी करना होगा। पानी में भीग चुके धानों को भी पूरी कीमत में खरीदना होगा। धान खरीदी में देर होने की वजह से किसानों को पहले ही आर्थिक समस्याओं से दो चार होना पड़ रहा है, ऐसे में सरकार का धान खरीदी में किसी भी प्रकार का बहाना बर्दास्त नहीं किया जाएगा।
 

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