कोरिया
वन भूमि पर अतिक्रमित दुकान को लेकर जिपं सदस्य ने की थी शिकायत
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बैकुंठपुर (कोरिया), 18 नवंबर। जिला पंचायत सदस्य दृगपाल सिंह ने कलेक्टर कोरिया को शिकायत कर जिले के केल्हारी स्थित एक मेडिकल स्टोर के गलत दस्तावेज पर लाईसेंस प्राप्त कर संचालन करने की शिकायत की और जब कलेक्टर के निर्देश पर जांच कर जांच प्रतिवेदन सामने आया तो वो खुद हैरान रह गए। उनका कहना है कि जांच अधिकारियों ने दुकान का पता ही बदल कर दुकान ही गायब बता दिया। जहां दुकान संचालित है उसे कहीं और बता कर जांच में लिपापोती कर दी गई है। जांच प्रतिवेदन में औषधी एवं खाद्य नियंत्रक विभाग के अधिकारियों ने उनकी शिकायत को गलत बताते हुए दुकान को वहां स्थित होना नहीं बताया।
जिला पंचायत सदस्य दृगपाल सिंह को उनकी शिकायत पर कलेक्टर द्वारा कराई गई जांच का जांच प्रतिवेदन दिया गया। जिस स्थान पर मेडिकल स्टोर के जिस खसरे नंबर के तहत लाईसेंस प्राप्त किया था, वह दुकान वन विभाग की भूमि पर दूसरे खसरा नंबर पर वन विभाग की जमीन को अतिक्रमण कर उसमें संचालित किया जा रहा है। उप संचालक खाद्य एवं औषधी प्रशासन बैकुंठपुर के सहायक औषधी नियंत्रक संजय कुमार नेताम ने मामले की जांच कर फर्म द्वारा नियमानुसार शर्तों का पालन किया जाना पाया।
शिकायत जांच में वन विभाग की भूमि का खसरा नंबर के दक्षिण पूर्व कोना की ओर 59.5 पर मेडिकल स्टोर होना नहीं पाया गया। अपने जांच प्रतिवेदन में सहायक औषधी नियंत्रक संजय कुमार नेताम ने केल्हारी के अनुविभागीय अधिकारी राजस्व को पत्र लिखकर अवगत कराया कि इस संबंध में शिकायत भू स्वामित्व से संबधित है, जिसकी जांच कर निराकरण करने की मांग की और जांच से उन्हें अवगत कराने की मांग की गयी थी। जिससे कि नियमानुसार कार्रवाई किया जा सके।
जिला पंचायत सदस्य दृगपाल सिंह का कहना है कि जांच प्रतिवेदन में अधिकारियों ने दुकान को ही वन विभाग की भूमि से गायब बता दिया है, जबकि ऐसा है ही नहीं। उन्होंने जांच पर ही सवाल खड़े करते हुए दुबारा निष्पक्ष जांच की मांग की है।
चिकित्सक के अन्यत्र स्थानांतरण की मांग
जिला पंचायत सदस्य दृगपाल सिंह ने केल्हारी के प्राथमिक स्वास्थ्य केद्र में पदस्थ एक चिकित्सक का स्थानांतरण करने की मांग स्वास्थ्य मंत्री को शिकायत कर की है। शिकायत में जिला पंचायत सदस्य दृगपाल सिंह ने उल्लेख किया है कि पीएचसी केल्हारी में संविदा प्रशिक्षु चिकित्सक का गृह ग्राम में नियम विरूद्ध तरीके से पदस्थापना की गयी है। अस्पताल में कम समय देते है ज्यादातर समय अपने निजी क्लीनिक में देते हैं और निजी क्लीनिक में मरीजों को इलाज कराने को बोलते है। साथ ही अपने मेडिकल स्टोर से ही दवाई लेने को मरीजों को प्रेरित करते हैं, जबकि शासन हास्पिटल से जेनेरिक दवाई देने के निर्देश दिये है। शिकायत में उल्लेख किया गया है कि उक्त चिकित्सक वन विभाग की जमीन पर अपना क्लीनिक चलाते हंै।