सुकमा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
सुकमा, 20 नवंबर। कार्तिक पूर्णिमा की संध्या पर हजारों दीयों की रोशनी से जगमगा उठा सुकमा का शबरी घाट। यहां मनोरम दृश्य सुकमा के लिय बिल्कुल ही नया था। यह पं.सुशील त्रिपाठी के मार्गदर्शन व नारायणी मानस मण्डली सेवा व विभिन्न सामाजिक संगठनों के सहयोग से संभव हो सका। शबरी घाट में कार्तिक पूर्णिमा के उपलक्ष्य में आयोजित कार्यक्रम के लिए लोगों ने अपने ओर से दीपक, तेल और बातियाँ ले आए थे।
दीपोत्सव के इस कार्यक्रम को लेकर शहर के सभी वर्गों में काफी उत्साह देखने को मिला और पूरे शबरी घाट पे व आसपास मेला सा माहौल बन गया। बच्चे से लेकर बूढ़े तक सभी वर्ग के लोगों की सहभागिता से यहां का उत्साह और भी कई गुना बढ़ गया।
शबरी घाट में पूजा-अर्चना के बाद एक साथ हजारों दीयों की रोशनी में शबरीघाट की सुंदरता भी कई गुना बढ़ गई। वहीं नदी में दोनों में छोड़ी गयी दीपक की रौशनी ।
शबरी के किनारों के साथ ही पानी में ज्योति ऐसे लग हो रही थी, मानो आकाश से तारे शबरी के तट पर आ पहुंचे हो, इस मनोरम दृश्य को देख लोगों के चेहरे चमक उठे। आयोजकों ने बताया कि सुकमा में ऐसे पहला आयोजन है, जो ऐतिहासिक होने के साथ सभी नगरवासियों के सहयोग से सम्पन्न हुआ हो।