गरियाबंद

बेमौसम बारिश: खेत में पानी भरा, सैकड़ों एकड़ फसल खराब होने की कगार पर
23-Nov-2021 4:46 PM
बेमौसम बारिश: खेत में पानी भरा, सैकड़ों एकड़ फसल खराब होने की कगार पर

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
नवापारा-राजिम, 23 नवंबर।
सप्ताह में दूसरी बार मौसम की बेरुखी से किसान त्रस्त होकर मायूस नजर आ रहे हैं। सैकड़ों एकड़ फसल खराब होने की कगार पर है। कांगे्रस नेता रतिराम ने समय पर त्वरित मुआयना कर किसानों को क्षतिपूर्ति की राशि देने की मांग की है।

किसान एवं काग्रेस नेता रतिराम साहू ने कहा कि पिछले रविवार को हुई बारिश से खेतों में कटे हुए धान करपा के रूप में पानी में डूबे हुए थे, जिसको खराब होने से बचाने के लिए किसान हफ्ते भर से उसको अल्टी-पलटी कर सुखाने में मेहनत कर रहे थ,े जिसके बाद भी बहुतायत गांवों के किसानों के धान अंकुरित हो गए है। पुन: दूसरी बार की बारिश ने किसानों की कमर ही तोड़ दी है।

ग्राम जौंदा के कृषक खोरबाहरा साहू ने मायूस मन से बताया कि करीब 5 एकड़ खेत का धान पूरी तरह से खराब होने की स्थिति में है और इसी तरह गांव के अन्य किसानों का भी करीब सैकड़ों एकड़ का धान पानी के कारण खराब होने की कगार पर है।

इसी तरह ग्राम परसदा, मंदलोर, कठिया, नवागांव, जौंदी, डंगनिया, चंपारण, टीला, पोड़ एवं आसपास के बहुतायत गांवों के फसल लगातार हो रही वर्षा से चौपट हो चुके हैं।
 कठिया के किसान दानीराम साहू ने बताया कि 12 एकड़ का फसल पानी में डूबा हुआ है, ऐसी स्थिति में उत्पादन का आधा हिस्सा भी पाना मुश्किल लग रहा है। वहीं मंदलोर के किसान मिलेश वर्मा जो 35 एकड़ खेत में रेघा लेकर खेती किए जो पूरा खराब होने की स्थिति में है। किसान अपनी इस दुखभरी स्थिति को नम आँखों से बयां कर रहे है।

रतिराम साहू ने कहा कि किसानों से कर्ज की राशि लेते समय सहकारी संस्था द्वारा बीमा की राशि काटी जाती है जिसका लाभ किसानों को कभी नहीं मिला है फसल बीमा से किसान अनिभिज्ञ है। बीमा कंपनी कौन है? कहां है? जिसके पीछे किसान दौड़ भाग नहीं कर सकते, ऐसी स्थिति में शासन-प्रशासन को चाहिए कि जिस प्रकार चिटफंड कंपनी के विरुद्ध कार्रवाई की जा रही है। उसी तरह किसानों से बीमा राशि वसूल करने वाली बीमा कंपनियों को निर्देशित करें कि समय पर त्वरित मुआयना कर किसानों को क्षतिपूर्ति की राशि दें।
 

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