रायपुर

कैट ने अमेजन के खिलाफ खोला मोर्चा
23-Nov-2021 5:28 PM
कैट ने अमेजन के खिलाफ खोला मोर्चा

रायपुर, 23 नवंबर। कॉन्फ्रेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अमर पारवानी, चेयरमेन मगेलाल मालू, अमर गिदवानी, प्रदेश अध्यक्ष जितेन्द्र दोशी, कार्यकारी अध्यक्ष विक्रम सिंहदेव, परमानन्द जैन, वाशु माखीजा, महामंत्री सुरिन्द्रर सिंह, कार्यकारी महामंत्री भरत जैन,  कोषाध्यक्ष अजय अग्रवाल एवं मीडिय़ा प्रभारी संजय चौबे ने बताया कि मध्य प्रदेश राज्य में भिंड पुलिस द्वारा 20 किलोग्राम से अधिक मारिजुआना बेचने और पुलवामा आतंकी हमले के लिए बम बनाने में इस्तेमाल किए गए प्रतिबंधित रसायनों की बिक्री के बाद भी, अमेजन पर अवैध बिक्री जारी, अंदर प्रदेश पुलिस द्वारा प्राप्त सूचना के आधार पर विशाखापत्तनम पुलिस ने भी अमेजन ई पोर्टल पर अवैध तरीके से बेचे जा रहे मारिजुआना को किया जब्त, जिसमें 48 किलोग्राम मारिजुआना (गांजा) बरामद किया गया है,  और  20 नवंबर को एनडीपीएस अधिनियम 1985 के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार  विशाखापत्तनम पुलिस ने अमेजन के दो डिलीवरी बॉय को इस मामले में भी गिरफ्तार किया हैं।

इसके अलावा, एमपी पुलिस ने अमेज़ॅन और उसके सहयोगियों से 17 किलोग्राम मारिजुआना भी बरामद किया है, जिसके लिए मध्य प्रदेश के मेहगांव पुलिस स्टेशन में एनडीपीएस अधिनियम-1985 के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है और एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है। कैट ने विशाखापत्तनम पुलिस से  एनडीपीएस अधिनियम की धारा 38 के तहत मामला दर्ज करने की मांग की है जैसा कि भिंड पुलिस ने किया था।

कैट के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अमर पारवानी और प्रदेश अध्यक्ष जितेन्द्र दोशी ने अमेजन को गांजा कंपनी बताते हुए सरकार से मांग की कि अमेजन द्वारा लगातार की जा रही अवैध बिक्री के पैमाने को ध्यान में रखते हुए, सरकार को तुरंत भारत में अमेजन के संचालन को निलंबित कर देना चाहिए और अमेजन के अधिकारियों को गिरफ्तार करना चाहिए और उन के खिलाफ देशद्रोह का मामला भी दर्ज करना चाहिए।

श्री पारवानी और दोशी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्र अमित शाह से मामले में तत्काल सीधे हस्तक्षेप करने का आग्रह किया। और वाणिज्य मंत्री  पीयूष गोयल से भी तत्काल ई-कॉमर्स नियम, ई-कॉमर्स नीति और एफडीआई नीति के प्रेस नोट नंबर 2 की जगह नया प्रेस नोट जारी करने का आग्रह किया है, ताकि भारत में ई-कॉमर्स कंपनियों के आचरण को विनियमित किया जा सके।

श्री पारवानी और श्री दोशी ने केंद्र सरकार से अमेज़ॅन सहित बड़े ई-कॉमर्स खिलाडिय़ों के व्यापार मॉडल की  गहन जांच करने का आग्रह किया है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि ई-कॉमर्स पोर्टल पर प्रतिबंधित वस्तुओं या राष्ट्र विरोधी गतिविधियों की  कोई बिक्री अथवा संचालन नहीं किया जाता  है और प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से निषिद्ध वस्तुओं की बिक्री में शामिल बाजार संस्थाओं की जवाबदेही तय की जानी चाहिए।

श्री पारवानी और श्री दोशी ने कहा कि अमेजन ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर की जा रही ये अवैध गतिविधियां किसी विशिष्ट नियम या कानून के अभाव में भारत में ई-कॉमर्स व्यवसाय के खोखलेपन को दर्शाती हैं, जो भारत में प्रशासनिक व्यवस्था की निराशाजनक स्थिति है। उन्होंने कहा कि न केवल केंद्र सरकार की भूमिका सवालों के घेरे में है बल्कि इस सनसनीखेज मुद्दे पर सभी राजनीतिक दलों द्वारा रखी गई चुप्पी भी सवालों के घेरे में है। यह अत्यंत खेद की बात है कि इस तथ्य के बावजूद कि कैट और अन्य संगठनों ने गंभीर शिकायतें की हैं, किसी ने भी इस मुद्दे को गंभीरता से नहीं लिया है। उन्होंने यह भी कहा कि अब ई-कॉमर्स व्यवसाय के प्रस्तावक कहां हैं जो इन कंपनियों को लाभ देने में जोर-शोर से लगे थे और अब इस गंभीर मुद्दे पर चुप क्यों हैं?

 

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