गरियाबंद
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
छुरा, 23 नवंबर। छन्द के छ परिवार छत्तीसगढ़ का दीवाली मिलन समारोह दिनांक कुर्मी भवन भिलाई सेक्टर-7 में सम्पन्न हुआ। जिसके मुख्य अतिथि आदरणीय डॉ.सुरेश देशमुख पूर्व उद्घोषक चंदैनी गोदा, अध्यक्षता प्रेमलाल पिपरिया अध्यक्ष छत्तीसगढी कुर्मि क्षत्रिय समाज विशेष अतिथि डॉ.सुधीर शर्मा विभागाध्यक्ष हिन्दी कल्याण महाविद्यालय भिलाई, सरला शर्मा अध्यक्ष दुर्ग जिला साहित्य समित, हाजी सूफी डॉ.साद बिलासपुरी जनरल सेक्रेटरी हल्क ए अदब, अरुण निगम संस्थापक छंद के छ मंचासीन थे।
कार्यक्रम में 18 जिलों से आये 90 साधकों ने संध्या 6 बजे तक अपनी प्रतिनिधि रचनाओं का पाठ किया। संस्थापक अरुण निगम ने छंद के छ के नामकरण के संबंध में बताते हुए कहा कि जिस प्रकार हिन्दी सीखने के लिए अनार का अ सिखाने की विधि बोला जाता है। उसी तर्ज पर छंद सीखाने के लिए छंद के छ नाम रखा गया है।
मुख्य अतिथि ने कहा कि छत्तीसगढ़ी भाषा को व्याकरण युक्त बनाने के लिए इस परिवार का योगदान अत्यन्त सराहनीय है। वरिष्ठ साहित्यकार सरला शर्मा ने कहा कि भाषा से ही राज्य व राष्ट्र की पहचान होती है। डॉ. शाद ने अपने शायराना अंदाज में कार्यक्रम की सराहना की। वरिष्ठ साहित्यकार व वैभव प्रकाशन के प्रमुख सुधीर शर्मा ने भी संबोधित किया। पश्चात छंद बद्ध कविता, गीत की प्रस्तुति प्रारंभ हुई जिसमें गरियाबंद जिले की ओर से साहित्यकार हीरालाल गुरुजी छुरा, वीरेन्द्र कुमार साहू पांडुका, जितेन्द्र सुकुमार साहिर राजिम, केंवरा यदु मीरा, प्रिया देवांगन पीहू ने अपनी छंद बद्ध कविता प्रस्तुत किए। हीरालाल गुरुजी को उनकी शानदार प्रस्तुति के लिए प्रमाणपत्र देकर सम्मानित किया गया। स्मरण साहित्य समिति के सभी सदस्यों ने उनकी इस उपलब्धि पर बधाई दी।