रायगढ़
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
खरसिया, 23 नवंबर। राष्ट्रवीर दुर्गादास राठौर कोई व्यक्ति या संस्था नहीं बल्कि एक राष्ट्रीय विचारधारा है। भारतीय इतिहास ही नहीं अपितु विश्व इतिहास में वीर दुर्गादास का अद्वितीय स्थान है। अपने राज्य या सत्ता सुख भोगने की लालसा में युद्ध लडऩे वाले तो अनेक हुए हैं, परंतु भारतीय स्वतंत्रता एवं संस्कृति की रक्षार्थ निष्पक्ष भाव से संघर्ष करने में राष्ट्रवीर दुर्गादास राठौर अद्वितीय है।
यह बात क्षत्रिय राठौर युवा मंच अध्यक्ष ठा.धीरज राठौर ने राष्ट्रवीर दुर्गादास राठौर की पुण्यतिथि पर हॉस्पिटल पर मरीजों को फल वितरण कर कही। जहां अनेक राजा- महाराजा, सरदार, सामंत, शाह- बादशाह हुए हैं, हर किसी का कहीं न कहीं स्वार्थ रहा है। किसी को राज्य, किसी को पद, किसी को धन संपत्ति का, परंतु राष्ट्रवीर दुर्गादास राठौर अपने लिए नहीं देश के लिए तत्पर रहे इसलिए दुर्गादास को राष्ट्रवीर दुर्गादास राठौर कहते है। वीर दुर्गादास राठौर के त्याग की तुलना स्वतंत्रता के लिए लडऩे वाले राजा महाराजाओं से नहीं की जा सकती।
क्योंकि राजा-महाराजाओं ने अपना राज्य अर्जित करने के लिए विरोधी शक्तियों से लड़ाई लड़ी थी, जबकि दुर्गादास राठौर ने अपने लिए नहीं बल्कि राष्ट्र, क्षत्रित्व, हिंदुत्व धर्म की रक्षा के लिए लड़ाई लड़ी। आयोजन के दौरान खरसिया हॉस्पिटल प्रभारी दिलेश्वर पटेल, डॉ. शिशिर, ठा.धीरज राठौर, रमेश, कन्हैया राठौर, अरुण, निखिल , सुरेश, नरेंद्र राठौर, सचिन, रवि सहित कई समाज बंधु मौजूद रहे।