कोरिया

देखें VIDEO : जिले के विभाजन के खिलाफ एकजुट हुए सभी दल, निकाय चुनाव बहिष्कार का ऐलान
24-Nov-2021 3:59 PM
देखें VIDEO : जिले के विभाजन के खिलाफ एकजुट हुए सभी दल, निकाय चुनाव बहिष्कार का ऐलान

  बैकुंठपुर, और शिवपुर चरचा में होना है चुनाव, प्रशासन तैयारी में जुटा 
'छत्तीसगढ़' संवाददाता
बैकुंठपुर (कोरिया) 24 नवम्बर।
कोरिया जिले की दो नगरीय निकाय क्षेत्रो में होने वाले चुनावों के लिए आज से आचार संहिता लागू हो गई। बैकुंठपुर और चरचा शिवपुर में होने वाले चुनावों को लेकर जिला प्रशासन तैयारियों में जुटा है। दूसरी ओर कोरिया के विभाजन को लेकर सभी दलों ने इस चुनाव के बायकॉट का फैसला किया है। अब देखना है नामांकन खरीदने से जमा करने तक हर दिन किस तरह के उतार चढ़ाव देखने को मिलते है।

चुनाव आयोग की घोषणा के बाद बैकुंठपुर और चरचा शिवपुर में आचार संहिता लागू हो गई है। 27 नवम्बर से चुनावी प्रक्रिया की शुरुआत होगी और 20 दिसंबर को मतदान होगा जबकि 23 दिसंबर को मतों की गिनती के साथ परिणाम आएंगे। इधर, कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्याम धावड़े ने चुनाव को लेकर हर मोर्चे पर तैयारी कर रखी है। दूसरी ओर कोरिया जिले के विभाजन को लेकर नाराजगी ज्यादा देखी जा रही है। कोरिया बचाओ मंच में बैनर तले हुई बैठक में दोनों नगर पालिका क्षेत्र में चुनाव का बायकॉट करने का फैसला लिया गया है।

दोनों सीट जीतेंगे

दो दिन पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा बैकुंठपुर और चरचा शिवपुर नगर पालिकाओं में करोड़ो रूपये के विकास कार्यो की सौगात दी गई। वर्चुअल आयोजन में कांग्रेस के जिला अध्यक्ष नजीर अजहर ने मुख्यमंत्री से कहा कि चुनाव में दोनों सीटे कांग्रेस जीतेगी, उनके इस बयान पर जब उनसे'छत्तीसगढ़Ó ने पूछा तो उन्होंने कहा कि उनका कहना था कि जब भी चुनाव होगा वो दोनों सीट जीतेंगे, अभी के हालात अलग है और हो सकता है कि हालात में बदलाव आए और चुनाव हो सके या चुनाव 4 माह बाद हो।

राजनीतिक दल करेंगे चुनाव का बायकॉट

नगरीय निकाय चुनाव का बायकॉट करने समाजवादी पार्टी ने लिखित पत्र जारी किया है जबकि भाजपा, गोंडवाना गणतंत्र पार्टी और कांग्रेस के जिला अध्यक्षो ने सार्वजनिक रूप से कोरिया के विभाजन में हुए अन्याय के खिलाफ चुनावो का बायकॉट करने की बात कही है। अब देखना है 27 नवंबर से शुरू होने वाली चुनावी प्रक्रिया में कौन सा राजनीतिक दल किस तरह से चुनाव को देखता है।

क्या है आदर्श आचार संहिता

चुनाव की तारीखों का एलान होते ही आचार संहिता लागू हो जाती है। स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए चुनाव आयोग कुछ नियम बनाता है। चुनाव आयोग के इन्हीं नियमों को आचार संहिता कहते हैं। चुनाव के दौरान इन नियमों का पालन करना सरकार, नेता और राजनीतिक दलों की जिम्मेदारी होती है। आचार संहिता चुनाव की तारीख की घोषणा के साथ ही लागू हो जाती है।  चुनाव आयोग के चुनाव कार्यक्रमों का एलान करते ही आचार संहिता लागू हो जाती है। आचार संहिता चुनाव प्रक्रिया के संपन्न होने तक लागू रहती है। चुनाव की तारीख की घोषणा के साथ ही आचार संहिता लगती है और वोटों की गिनती होने तक जारी रहती है।

आचार संहिता के नियम

चुनाव आचार संहिता लागू होने के बाद कई नियम भी लागू हो जाते हैं। इनकी अवहेलना कोई भी राजनीतिक दल या राजनेता नहीं कर सकता। सार्वजनिक धन का इस्तेमाल किसी विशेष राजनीतिक दल या नेता को फायदा पहुंचाने वाले काम के लिए नहीं होगा। सरकारी गाड़ी, सरकारी विमान या सरकारी बंगले का इस्तेमाल चुनाव प्रचार के लिए नहीं किया जायेगा। किसी भी तरह की सरकारी घोषणा, लोकार्पण और शिलान्यास आदि नहीं होगा। किसी भी राजनीतिक दल, प्रत्याशी, राजनेता या समर्थकों को रैली करने से पहले पुलिस से अनुमति लेनी होगी। किसी भी चुनावी रैली में धर्म या जाति के नाम पर वोट नहीं मांगे जाएंगे।चुनाव आचार संहिता के नियम सख्ती से लागू होते हैं।  अगर इन नियमों का उल्लंघन किया जाता है तो उसके लिए सज़ा का प्रावधान भी है। चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन पर दंडात्मक कार्रवाई की जा सकती है।

 

 

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