महासमुन्द
महानदी के पानी का सैंपल नीरी नागपुर को जांच के लिए भेजा गया है
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद, 24 नवंबर। शहर में पिछले कई दिनों से चल रही पानी की समस्या को देखते हुए कल मंगलवार को नगर पालिका में आपात बैठक बुलाई गई। पालिकाध्यक्ष प्रकाश चंद्राकर की अध्यक्षता में नगर पालिका के सभापति और पार्षदों की बैठक में शहर में पानी की किल्लत को देखते हुए फैसला लिया गया कि आज बुधवार से निस्तारी के लिए नलों से पानी की सप्लाई की जाएगी। वहीं पीने के लिए टैंकर के माध्यम से पानी सप्लाई जारी रहेगी। इस संबंध में सोमवार की रात शहर में मुनादी करा दी गई है कि नलों से आ रहे पानी का उपयोग सिर्फ निस्तारी के लिए करें, पीने और खाना बनाने आदि के लिए आसपास बोर आदि से पानी की व्यवस्था करें।
जानकारी मिली है कि फिल्टर प्लांट के जरिए शहर में सप्लाई होने वाले महानदी के पानी की जांच पीएचई लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग ने पूरी कर ली है। लेकिन इससे बदबू क्यों आ रही है, इसकी जानकारी अब तक नहीं मिल पाई है। दो दिन पहले लिए गए सैंपल की जांच में पीएचई के अधिकारियों ने पाया कि पानी में टीडीएस टोटल डिसॉल्व्ड सॉलिड और पीएच पावर ऑफ हाइड्रोजन की वैल्यू सामान्य है। टीडीएस और पीएच वैल्यू सामान्य होने पर पानी पीने योग्य होता है। लेकिन पानी बदबूदार क्यों है, इसकी जानकारी पीएचई के लैब में टेस्टिंग के दौरान पता नहीं चल पाई है। अब नगर पालिका सहित जिले के प्रशासनिक अमले को राष्ट्रीय पर्यावरण अभियांत्रिकी अनुसंधान संस्थान नीरी नागपुर की रिपोर्ट का इंतजार है। दो दिन पहले ही पीएचईए जल संसाधन विभाग और नगरीय प्रशासन विभाग ने महानदी के पानी का सैंपल नीरी नागपुर को जांच के लिए भेजा है।
पीएचई के कार्यपालन अभियंता शंकर धकाते ने बताया महानदी के ठहरे हुए पानी की जांच की गई है। पानी में बैक्टीरिया काफी अधिक मात्रा में पाया गया है। हालांकि ठहरे हुए पानी में बैक्टीरिया होती ही है और उसे ट्रीटमेंट के दौरान क्लोरीन के जरिए समाप्त कर लिया जाता है। हमने पानी की जो टेस्टिंग की है, उसके अनुसार पानी का टीडीएस और पीएच वैल्यू सामान्य है। इसका मतलब यह है कि पानी पीने योग्य है। पानी से बदबू क्यों आ रही है, इसकी जानकारी अब तक नहीं मिल पाई है। पानी का सैंपल नीरी को भी भेजा गया है। वहां से रिपोर्ट आने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है। उन्होंने बताया कि 1 लीटर पानी में टीडीएस वैल्यू 300 से 600 होनी चाहिए। इसी तरह पीएच की मात्रा 6.5 से 8.5 तक होनी चाहिए।
वैसे नगर पालिका की ओर से बेलसोंडा फिल्टर प्लांट और शहर की पांच टंकियों की सफाई पूरी कर ली गई है। इन सभी की सफाई के बाद पानी से मथाई भी कराई गई है, ताकि जो भी गंदगी होए वो पानी के माध्यम से निकल जाए। कल मंगलवार को आयोजित बैठक में पालिकाध्यक्ष और प्रशासन की टीम ने जनप्रतिनिधियों को उक्त जानकारी दी। पालिकाध्यक्ष ने बताया कि शहर के पांच ओवरहैड टंकियों व फिल्टर प्लांट के एक-एक जगह की सफाई रायपुर व महासमुंद पालिका की टीम ने तीन दिन में पूरी की है।
कांग्रेस का प्रदर्शन
कल पानी की समस्या को लेकर कांग्रेस ने पालिका में प्रदर्शन किया। नगर पालिका उपाध्यक्ष कृष्णा चंद्राकर के साथ कांग्रेस पार्षद व पार्टी पदाधिकारी शहर में गंदे पानी की सप्लाई व आठ दिनों से पेयजल आपूर्ति बाधित होने के मामले को लेकर पालिका पहुंचे। यहां उन्होंने पालिकाध्यक्ष को मटका थमाया और ज्ञापन सौंपा। कांग्रेस पार्षदों ने कहा कि अध्यक्ष की निष्क्रियता के कारण ही यह दिन शहर की जनता को देखने को मिल रहा है। इनका आरोप है कि पालिकाध्यक्ष के कार्यभार संभालने के बाद से ही न टंकियों की सफाई हुई और न ही इंटकवेल को साफ किया गया।