गरियाबंद
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
नवापारा-राजिम, 24 नवंबर। मौसम के कहर से किसान बेहाल हैं। पहले बारिश न होने से खरीफ की बुवाई देर से हो सकी। जब बीजों में अंकुर फूटने लगे तो बारिश से खेत लबालब हो गए। किसान पिछले कईं वर्षों से ओलावृष्टि, अतिवृष्टि, सूखे की मार झेल रहे हैं, इसी कारण अब वह कर्ज में डूबता जा रहा है। इस साल किसानों को खरीफ की फसल से काफी अच्छी उम्मीद थी, लेकिन लगाकर बारिश होने के कारण किसानों के अरमानों पर पानी फेर दिया है।
आम आदमी पार्टी के विधानसभा अध्यक्ष मोहन चक्रधारी ने कहा कि धान की फसल पककर कटाई के लिए तैयार हो चुकी है, कई किसान फसल को कटाई कर चुके हैं। ऐसे में बेमौसम बारिश और तेज हवाओं से फसलों को नुकसान हो गया है। इसके साथ ही खेतों में जलभराव होने के कारण फसल में अंकुरण आने का खतरा भी बना हुआ है। बताया कि फसल में नमी आने पर उसके खराब होने और काले पडऩे का खतरा हो जाता है। श्री चक्रधारी ने भूपेश सरकार से किसान को हुए नुकसान का सर्वे कराकर मुआवजा देने की मांग की है।
ग्राम कोलियारी के किसान तुलसी साहू, मानिक राम निषाद, हीरा सिंग, पारागांव रेखराम देवांगन, हंसराज सोनकर, दुलना के वीरेंद साहू, डोंगितरई तिजेश्वर साहू, लखना खेलावन यादव, हेमलाल साहू सहित क्षेत्र के किसानों ने बताया कि क्षेत्र में इस वर्ष सभी प्रकार की खरीफ की फसलें बहुत अच्छी बनी हुई थीं, लेकिन भारी बारिश से फसलों को काफी नुकसान हुआ है। कुछ किसानों की तो धान की फसलें भी पूरी तरह से डूब में आने से खराब हो गई हैं। आप पार्टी के मोहन चक्रधारी सहित क्षेत्रों के किसानों ने कहा कि प्रदेश के मुखिया अपने आप को किसान हितैषी बताती है। ऐसे में अपनी सवेंदनशीलता दिखाए और किसानों को मुआवजा दें। वहीं संजय विश्वकर्मा ने कहा कि दिल्ली सरकार की तर्ज पर प्रदेश की भूपेश सरकार किसानों को 20 हजार रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से सहायता राशि दें।