सरगुजा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
अंबिकापुर,25 नवम्बर। देश में सबसे ज्यादा थायराइड के मरीज छत्तीसगढ़ में है, इसके साथ साथ भारत मधुमेह की राजधानी बन चुका है। मधुमेह है और थायराइड के पीडि़त लगातार सामने आ रहे हैं। यहां तक कि युवा वर्ग भी इसकी चपेट में आते जा रहा है।
ये खुलासा छत्तीसगढ़ के जाने-माने सबसे ख्याति प्राप्त सुपर स्पेशलिस्ट एंडॉक्रिनलॉजी डॉ तरुण मिश्रा ने किया। रायपुर सिटी हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर के संचालक डॉ तरुण मिश्रा मंगलवार को अंबिकापुर पहुंचे थे। एक खास मुलाकात के दौरान उन्होंने बताया कि भारत में हर पांचवां व्यक्ति मधुमेह से पीडि़त है। मोटापा कम होने के बाद भी भारत में लोग डायबिटीज के शिकार हो रहे हैं। इसका सबसे बड़ा कारण मानसिक तनाव.. वसा युक्त भोजन और शारीरिक परिश्रम की कमी सामने देखने को मिल रही है। शारीरिक परिश्रम की कमी ही छोटे बच्चों को डायबिटीज की ओर अग्रसर कर रही है। डॉ मिश्रा ने कहा कि बच्चों को इनडोर नहीं बल्कि आउटडोर गेम खेलना बहुत जरूरी है। उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ में भारत देश की तुलना में सबसे ज्यादा थायराइड के मरीज सामने आना भी चिंता का कारण है। थायराइड पुरुषों की तुलना में महिलाओं को अधिक है।
सही मार्गदर्शन और एक छोटी सी जागरूकता से हम बड़े डैमेज से बच सकते हैं। थायराइड और डायबिटीज ना हो.. या अगर हो चुका हो तो उसे किस तरह से कंट्रोल में किया जा सकता है इसके लिए जागरूकता सबसे बड़ी चीज है। पहले से ही अगर हम जागरूक हो तो हम इन बीमारियों से बच सकते हैं।
स्कूलों में लगना चाहिए स्वास्थ्य कैंप
डॉ. मिश्रा ने कहा कि पहले स्कूलों में मेडिकल कैंप लगा करते थे, परंतु वर्तमान में लगभग कैंप बंद हो चुके हैं। स्कूलों में मेडिकल कैंप लगाकर बच्चों की रूटीन चेकअप होना चाहिए ।उनका कहना है कि बीमारी को उस वक्त पकड़ा जाए जब बच्चों में जागरूकता नहीं होती।
एमआरएम हॉस्पिटल की सराहना
सुप्रसिद्ध एंडोक्राइनोलॉजी डॉ मिश्रा ने बातचीत के दौरान नगर में स्थित माता राजरानी हॉस्पिटल (एमआरएम हॉस्पिटल) की सराहना करते हुए कहा कि मुझे हॉस्पिटल के संचालक नरेंद्र सिंह टुटेजा पर गर्व है कि महानगरीय सेवा को उनके द्वारा एक ही छत के नीचे स्थापित किया गया। चिकित्सा के क्षेत्र में लोगों को इससे काफी लाभ मिल रहा है।
अंबिकापुर के लिए एक प्रेरणा और गौरव है डॉ. मिश्रा
अंबिकापुर दत्ता कॉलोनी निवासी डॉ तरुण मिश्रा मल्टीपरपज स्कूल के छात्र भी रहे। यह शिक्षा दीक्षा लेने के बाद उन्होंने ऐसे समय में एम डी, डी एम, डी एन बी एंडोक्राइनोलॉजी की पढ़ाई की थी जब संसाधन काफी कम थे। आज छत्तीसगढ़ के सबसे टॉप के एंडोक्राइनोलॉजिस्ट के रूप में उनका नाम सामने आता है। उनके द्वारा थायराइड की पहली किताब च्थायराइड कारण एवं निवारणज् मरीजों के लिए लिखी गई, जिन्हें लेकर उन्हें वर्ष 2017 में अमेरिका में पुरस्कृत भी किया गया। सबसे ज्यादा मरीजों का उपचार किए जाने को लेकर गोल्डन बुक ऑफ रिकॉर्ड में भी उनका नाम नॉमिनी के तौर पर गया है.. जो वर्ष 2022 में जुड़ जाएगा। इसे लेकर राज्यपाल ने भी उन्हें बधाई दी। कहना न होगा कि डॉ मिश्रा अंबिकापुर के लिए एक प्रेरणा और गौरव है।