जान्जगीर-चाम्पा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
सक्ती, 26 नवंबर। विकासखंड सक्ती अंतर्गत आने वाले समस्त सचिवों ने सचिव संघ के अध्यक्ष संतोष चौहान एवं सचिव संघ के सचिव रुकमणी राठौर के नेतृत्व में रायपुर पहुंचकर विधानसभा अध्यक्ष डॉ.चरणदास महंत से मुलाकात कर शासकीय करण को लेकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग मंत्री टीएस सिंह देव एवं मुख्य सचिव के नाम ज्ञापन सौंपा।
उन्होंने अपने ज्ञापन में बताया कि छत्तीसगढ़ प्रांत वर्तमान में 10568 पंचायत सचिव ग्रामीण अंचल में शासन के समस्त योजनाओं का लाभ समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाने का कार्य जिम्मेदारी साथ कर रहे हैं। हमने अपनी लंबित मांगों के संबंध में 24 जनवरी को मुख्यमंत्री निवास में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के समक्ष प्रदेश पंचायत सचिव संगठन का प्रतिनिधिमंडल के चर्चा में भूपेश बघेल मुख्यमंत्री द्वारा माह दिसंबर 2021 में शासकीय करण का सौगात देने का वादा किया गया था। उन्होंने आगे बताया कि पंचायत सचिव 29 विभागों के 200 प्रकार के कार्य को जमीनी स्तर तक जिम्मेदारी के साथ ईमानदारी पूर्वक निर्वहन करते हुए राज्य सरकार व केंद्र सरकार के समस्त योजनाओं को लोकतंत्र के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाने में अति महत्वपूर्ण कार्य को अंजाम देते हैं।
उन्होंने यह भी बताया कि वर्तमान वैश्विक महामारी कोरोना में ग्रामीण जन की सुरक्षा हेतु कोरोना से संबंधित सभी प्रकार की कार्य कोविड टेस्ट टीकाकरण इत्यादि महत्वपूर्ण कार्य को सफलतापूर्वक संचालन किया जा रहा है। साथ ही छत्तीसगढ़ शासन की महत्वकांक्षी योजना नरवा गरवा घुरवा बारी के तहत ग्राम गौठान एवं मनरेगा के कार्यों का जिम्मेदारी पूर्वक निर्वहन कर रहे हैं इसी तरह शासन प्रशासन के दिशा निर्देश एवं पंचायत सचिवों के कड़ी मेहनत तथा कार्य के प्रति लगन व सच्ची निष्ठा का परिणाम है कि छत्तीसगढ़ शासन को राष्ट्रीय पंचायत दिवस पर 12 राष्ट्रीय पुरस्कारों से सम्मानित किया जाना इस बात का प्रमाण है।
पंचायत सचिव ने यह भी बताया कि पंचायत सचिवों को शासकीय करण करने हेतु छत्तीसगढ़ प्रदेश के 65 विधायकों द्वारा अनुशंसा भी किया गया है।
साथ ही पंचायत सचिवों को कार्य करते 25 वर्ष से अधिक समय हो गया है पंचायत सचिवों के साथ नियुक्ति हुए अन्य विभाग के कर्मचारी जैसे शिक्षाकर्मी को शासकीय करण कर दिया गया है यह की पंचायत सचिवों को शासकीय करण करने से शासन प्रशासन को वार्षिक वित्तीय भार लगभग 75 करोड़ खर्च आएगा जो कि नहीं के बराबर है। उन्होंने ज्ञापन में अनुरोध करते हुए लिखा है कि सभी परिस्थितियों को देखते हुए पंचायत सचिवों के प्रति सहानुभूति प्रकट करते हुए अविलंब शासकीय करण किया जाए।