दन्तेवाड़ा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बचेली, 26 नवंबर। औषधीय पौधों को संरक्षित करने की आवश्यकता के प्रति छात्रों को जागरूक बनाने के लिए एनएमडीसी लिमिटेड, बचेली और संतगिरि आश्रम, हैदराबाद के संयुक्त सामाजिक पहल ‘औषधीय पौधे वृक्षारोपण स्कूल अभियान’ के तत्वावधान में ‘औषधीय पौधा रोपण अभियान’ का आयोजन गत दिनों को डीएवी पब्लिक स्कूल, बचेली में बड़े ही हर्षोल्लास के साथ संपन्न हुआ, जिसमें केंद्रीय विद्यालय के छात्र भी सम्मिलित हुए। इस अवसर पर औषधीय पौधों के उपयोग से संबंधित पद्मम पुस्तक का विमोचन किया गया।
इस अभियान का मुख्य उद्देश्य औषधीय पौधों का रोपण और संरक्षण को बढ़ावा देना एवं औषधीय पौधों की प्रभावशीलता के बारे में छात्रों के बीच जागरूकता पैदा करना है ।पारंपरिक भारतीय चिकित्सा पद्धतियां औषधीय पौधों के बारे में ज्ञान का एक विशाल भंडार हैं। इन पौधों के आशाजनक औषधीय गुणों ने नोवेल कोरोनावायरस संक्रमण के खिलाफ चिकित्सा विकसित करने व प्रतिरक्षा बढ़ाने के माध्यम से रोकथाम के लिए कारगर है । इस पहल के तहत डीएवी और केंद्रीय विद्यालय, बचेली के छात्र-छात्राओं को 1200 से अधिक औषधीय पौधे नि:शुल्क प्रदान किए गये ताकि बच्चे इन पौधों के फल और पत्ते से मिलने वाले स्वास्थ्य लाभों के बारे में जान सकें। इस पहल के तहत छात्रों को औषधीय पौधों को समझने का भी मौका मिला एवं उनके रख-रखाव हेतु जानकारी प्रदान की गई।
एनएमडीसी लिमिटेड, बचेली और संतगिरि आश्रम, हैदराबाद के बीच इस संयुक्त प्रयास से डीएवी और केंद्रीय विद्यालय, बचेली के छात्र-छात्राओं को औषधीय पौधों का मुफ्त वितरण किया गया , जो डीएवी पब्लिक स्कूल, बचेली में संपन्न हुआ।
इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि पी.के.मजूमदार, मुख्य महाप्रबंधक, एनएमडीसी बचेली के हाथों से औषधीय पौधों जैसे की अडलसा, गिलोय, अश्वगंधा, शतावरी आदि के लगभग 1200 पौधे को छात्रों के बीच वितरित किए गये।
कार्यक्रम के दौरान सुनील उपाध्याय, उप महाप्रबंधक (सीएसआर), एनएमडीसी बचेली ने कहा कि औषधीय पौधों और उनके लाभों के बारे में जन जागरूकता अभी भी कम है। इस चल रहे अभियान के माध्यम से, हम युवाओं को भारत के आयुर्वेद की समृद्ध विरासत के बारे में शिक्षित कर रहे हैं।
इस अवसर पर श्री संजय बासु, महाप्रबंधक इलेक्ट्रिकल्स , एनएमडीसी बचेली ने विद्यार्थियों को इस औषधीय पौधों के उपयोग के बारे में विस्तार से बताया।
इस अवसर पर संतगिरि आश्रम के स्वामी प्रणवसुदन ने कहा कि भारत में आयुर्वेद की एक समृद्ध विरासत है, जिसे संरक्षित करने और जनता के बीच प्रचारित करने की आवश्यकता है। विभिन्न औषधीय पौधे आयुर्वेद का अभिन्न अंग हैं। प्रत्येक छात्र को इन पौधों को अपने घरों में उगाना चाहिए और उनका लाभ उठाना शुरू कर देना चाहिए।
इस मौके पर श्री मजूमदार, मुख्य महाप्रबंधक, एनएमडीसी बचेली द्वारा स्वामी जी द्वारा रचित पद्मम पुस्तक का विमोचन किया गया। जो कि इस सामाजिक अभियान का हिस्सा है, जो हर्बल/औषधीय पौधों के उपयोग और संरक्षण में स्थायी अभ्यास पर एक त्वरित मार्गदर्शिका है।