दुर्ग
रायपुर, भिलाई, दुर्ग के यात्रियों ने ‘छत्तीसगढ़’ को बताई आपबीती
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
भिलार्ई नगर, 27 नवंबर। कल दोपहर पंजाब के उधमपुर से दुर्ग छत्तीसगढ़ आ रही उधमपुर-दुर्ग एक्सप्रेस की एक बोगी में लगी आग धीरे-धीरे चार बोगियों तक फैल गई। तीन फायर ब्रिगेड की गाडिय़ों ने आग को नियंत्रित किया, तब तक देर हो चुकी थी। कई यात्रियों के सामान जलकर खाक हो गए। सभी यात्री बीती रात को सकुशल दुर्ग पहुंचे, जिनमें से रायपुर, दुर्ग एवं भिलाई आ रहे यात्रियों ने ‘छत्तीसगढ़’ को आपबीती बताई। वहीं रेलवे के द्वारा किए गए सहयोग की तारीफ भी की है।
उधमपुर-दुर्ग एक्सप्रेस के एसी बोगी बाथरूम में सबसे पहले आग लगी और इसके बाद इसकी लपटें अन्य बोगियों तक पहुँच गई। आग लगने की भनक मिलते ही लोको पॉयलट ने ट्रेन मुरैना के निकट हेतमपुर रेलवे स्टेशन पर रोक दी। इसके बाद सभी यात्री सकुशल बाहर निकल गए।
सूत्रों ने बताया कि हादसा शुक्रवार दोपहर करीब 3 बजे के आसपास हुआ। उधमपुर-दुर्ग एक्सप्रेस दुर्ग छत्तीसगढ़ के लिए रवाना हुई थी। एसी बोगी से अचानक आग की लपटें देख यात्रियों में चीख-पुकार मचाई। इस समय ट्रेन की रफ्तार अधिक होने के कारण एसी कम्पारटमेंट की आग ट्रेन के अन्य बोगियों तक पहुंचनी शुरू हो गई थी। यात्रियों ने जंजीर खींचकर ट्रेन रूकवाया। इस समय तक ट्रेन के लोको पॉयलट को भी किसी गंभीर हादसे का अंदेशा हो चुका था, लिहाजा ट्रेन को मुरैना के निकट हेतमपुर रेलवे स्टेशन के पास रोक दिया गया।
प्रत्येक बोगी में एक अटेंडेंट होना चाहिए
दुर्ग निवासी सुखदीप कौर ने बताया कि वह अपने पोती के साथ लुधियाना से दुर्ग आ रही थी। करीब 3 बजे के आसपास वह सो रही थी। ठीक पुकार के कारण उनकी नींद खुल गई। तब उन्हें समझ में आया कि ट्रेन में आगजनी हुई है। यदि रात का समय होता तो यह हादसा बड़ा होता और कई लोगों की जान चली जाती। रेलवे प्रबंधन को ट्रेन में अटेंडेंट रखना चाहिए। ताकि इस प्रकार की आपदा के समय यात्रियों को सचेत किया जा सके।
सुखदीप कौर ने कहा कि हालांकि रेलवे प्रबंधन के द्वारा सभी यात्रियों के साथ सहयोगात्मक रवैया अपनाया गया, पानी चाय नाश्ता एवं खाने का प्रबंध भी रेलवे के द्वारा किया गया।
अटैची, बैग, नए कंबल-कपड़े जलकर खाक
भिलाई निवासी कंचन चोपड़ा ने बताया कि वे तीन लोग हिमाचल में शादी समारोह में गए हुए थे। वापसी में काफी खरीदी की थी परंतु उनका सारा सामान जलकर राख हो गया है पास में कंबल ब्रांडेड कपड़े कुछ भी नहीं बचा है।
2 बोगी में 18 नंबर सीट में बैठी यात्री शालिनी ने बताया कि सबसे पहले यहां के 2 बोगी के बाथरूम में लगी थी, किसी के द्वारा दरवाजा खोलने पर वह पूरे बोगी में फैल गई। आग फैलने की घबराहट में वे अपना सामान बाहर नहीं निकाल सकती, जिसके कारण सारा लगेज डैमेज हो गया। आग लगने के करीब 2 घंटे बाद फायर ब्रिगेड पहुंची थी। उन्होंने बताया कि जिन यात्रियों ने अपना समान उतार दिया, उनका सामान बच गया है।
रायपुर आ रहे बी-6 बोगी के पुरुष यात्री ने बताया कि उनके द्वारा हड़बड़ी में इमरजेंसी विलास को तोडक़र बाहर निकले थे, उसी से सामान भी बाहर किया, उसके कारण आपातकालीन खिडक़ी के कांच के टुकड़े अभी भी बोगी में ही पड़े हुए हैं।