बलौदा बाजार

स्वच्छता रैंकिंग में जिला मुख्यालय शीर्ष, 10 शहरों में बलौदाबाजार शामिल नहीं
27-Nov-2021 6:17 PM
स्वच्छता रैंकिंग में जिला मुख्यालय शीर्ष, 10 शहरों में बलौदाबाजार शामिल नहीं

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

बलौदाबाजार, 27 नवम्बर। बलौदाबाजार शहर की सफाई व्यवस्था पर नगर पालिका प्रशासन ने साल भर में भले ही करोड़ों रुपए खर्च कर दिए हो मगर धरातल पर हुआ। काम सबके सामने है इस बात की पुष्टि स्वच्छता सर्वे 2021 की रिपोर्ट में ही हो रही है। ईस्ट जोन में नगर पालिका बलौदा बाजार 16वें स्थान पर है, जबकि पिछले साल 20वें स्थान पर था यानी रैंकिंग में केवल 4 अंकों का मामूली सुधार हुआ है, जो पालिका में मौजूद संस्थानों और सफाई कर्मियों की संख्या को देखते हुए नाकाफी है।

नगर पालिका में 21 वार्ड हैं, जिन्हें साफ सुथरा रखने के लिए एक सफाई निरीक्षक सहित 109 सफाई कर्मियों की लंबी चौड़ी फौज है। वही मोहल्लों का कूड़ा डपिंग ग्राउंड तक पहुंचाने के लिए छोटे-बड़े करीब 34 वाहन भी हैं। पालिका कर्मियों के वेतन से लेकर वाहनों के डीजल आदि पर हर माह लगभग 25 लाख रुपए तो साल का लगभग तीन करोड़ रुपए करती है। हर माह भारी-भरकम धनराशि खर्च होने के बावजूद शहर के हालात किसी से छिपी नहीं है, उधर जारी स्वच्छता रैंकिंग में 50000 से 100000 आबादी वाले शहर में जिले की ही भाटापारा नगर पालिका दूसरे स्थान पर है।

नंबरों ने दी धरातल पर काम करने की नसीहत

सर्वे के दौरान मुख्य रूप से तीन बिंदु नागरिक प्रतिक्रिया सेवा आधार और प्रमाणिककरण पर नंबर दिए गए हैं, इसमें नगरी प्रतिक्रिया के 1800 सेवा आधार के 2400 सौ और प्रमाणीकरण के 1800 यानी कुल 6000 अंकों की प्रतियोगिता थी। 1800 लोगों से पालिका के किए गए कार्यों को लेकर ली गई प्रतिक्रिया में एक सौ 706 लोगों ने पालिका की सफाई व्यवस्था को लेकर नकारात्मक प्रतिक्रिया जाहिर की इसमें बलोद बाजार नगर पालिका को 55 प्रतिशत में से कम मात्रा 3293 अंक मिले हैं भले ही पिछले साल से इस बार की रैंकिंग में मामूली सुधार हुआ हो मगर नंबरों ने पालिका प्रशासन को धरातल पर काम करने का आइना दिखाया गया है।

अफसरों ने सफाई रैंकिंग के लिए प्रयास ही नहीं किए

पड़ताल में सामने आया कि इस बार अफसरों ने सफाई बैंकिंग के लिए प्रयास ही नहीं किए साल भर में ऐसे एक बार भी सामने नहीं आया कि शहर स्वच्छता रैंकिंग में आगे आने के लिए कोई प्रयास कर रहा है। खुले नाले व नालियों में गंदगी बजबज आ रही है। प्लास्टिक कचरा भर पड़ा है यही कारण है कि बीते सालों में पीछे रहने वाले शहरों ने बेहतर किया शहर में सफाई का बुरा हाल है। प्लास्टिक का खूब उपयोग किया जा रहा है।

अब कूड़ेदान देखने को नहीं मिलते

नगर में अब कूड़ेदान देखने को भी नहीं मिलते। पूर्व में नगर पालिका ने जगह-जगह कूड़ेदान रखे थे मगर कूड़ेदान ओ से कचरा उठाने के बजाय उस कचरे को कूड़ेदान में ही जला दिया जाता था। कचरा उठाने के अभाव में लाखों रुपए रुपयों के खरीदे गए बड़े-बड़े कूड़ा दान कबाड़ में तब्दील हो चुके हैं।

सफाई व्यवस्था पर ध्यान देंगे,

जागरूक भी करेंगे-सीएमओ

मुख्य नगरपालिका अधिकारी राजेश्वरी पटेल का कहना है कि रैंकिंग सुधार जरूरी है लेकिन इससे बेहतर नहीं कहा जा सकता स्वच्छता सर्वेक्षण 2023 में टॉप टेन में शामिल होने का संकल्प लेकर पालिका प्रशासन शहर की सफाई व्यवस्था पर ध्यान देगी और लोगों को भी इसके लिए जागरूक करेगी।

कचरा फ्री सिटी के 1100 अंकों में बलोदा बाजार शून्य

शहर में कई जगह कचरा दिखता है। बरसेला स्थित डंपिंग यार्ड में कचरे का प्रॉपर निस्तारण नियमित नहीं है सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट भी चालू नहीं हुआ है, इससे कैटेगरी के 1100 अंक में से हमारी पालिका को शून्य मिला है।

काम किए पर लापरवाही भी बरती

 मुख्य सडक़ों पर सफाई दिखी लेकिन सडक़ों के किनारे गंदगी पटती थी। नगर पालिका के सफाई के दावे के बीच नाले नालियां चोक ही रहे।

जिला मुख्यालय में आए दिन वीआईपी नेताओं मंत्रियों के आगमन एवं उसके कार्यक्रमों की तैयारी में नगर पालिका के सफाई कर्मियों को झोंक दिया जाता है, जिससे शहर की सफाई व्यवस्था बिगड़ रही है।

2023 में हम बेहतर प्रदर्शन करेंगे-अध्यक्ष चितावर

नगर पालिका अध्यक्ष चितावर जायसवाल का कहना है कि शहर की सफाई व्यवस्था की जिम्मेदारी नगर पालिका के साथ-साथ जनता की भी है। स्वच्छता को लेकर सभी को जागरूक होने की जरूरत है। संस्थानों की कमी व मानव बाल की वजह से हमारा प्रदर्शन उम्मीदों के अनुरूप नहीं रहा, लेकिन स्वच्छता सर्वे 2023 में हम बेहतर प्रदर्शन करेंगे।

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