नारायणपुर

अबूझमाड़ के अंदरूनी गांव टोहकाडोण्ड पहुंचा स्वास्थ्य अमला
27-Nov-2021 9:14 PM
अबूझमाड़ के अंदरूनी गांव टोहकाडोण्ड पहुंचा स्वास्थ्य अमला

मलेरिया जांच के लिए ढोल बजाकर ग्रामीणों को किया एकत्रित

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
नारायणपुर, 27 नवंबर।
जिले में तृतीय मलेरिया मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान का प्रारंभ बीते 22 नवम्बर से हो गया है, जो 21 दिसम्बर तक संचालित होगा। इस अभियान को सफल बनाने के लिए स्वास्थ्य अमला पूरी ताकत लगाकर काम कर रहा है। स्वास्थ्य विभाग का अमला मलेरिया की जांच करने हेतु घने जंगलों के बीच पगडंडियों और नदी-नालों को पार कर जिले के ऐसे पहुंचविहीन गांवों में पहुंचकर रहा है, जहां लोगों बीमार होने पर डॉक्टर के पास नहीं बल्कि बैगा, गुनिया, सिरहा आदि के पास जाते है, और अपना इलाज करवाते है। ऐसे गांवों में स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी पहुंंचकर लोगों को एकत्रित करने के लिए ढोल भी बजा रहे हैं। एकत्रित हुए ग्रामीणों के न सिर्फ मलेरिया जांच कर रहे हैं, बल्कि अन्य बीमाारियों का भी इलाज तत्काल कर रहे हैं।

छत्तीसगढ़ मलेरिया मुक्त अभियान के तहत बीते दिन स्वास्थ्य अमला ओरछा विकासखंड के ग्राम टोहकाडोण्ड पहुंचा, यह गांव जिला मुख्यालय नारायणपुर से लगभग 60-65 किलोमीटर दूर है, जहां मोटर सायकल से पगडंडियों को पार करते हुए पहुंचा जा सकता है।

आरएचओ प्रदीप कुमार सिन्हा ने बताया कि मलेरिया मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान के तहत् दिये गये निर्देशों के पालन में प्रमिला सलाम, स्वास्थ्य साथी कमलेश नाग और सनउ कावडे का दल बीते दिन टोहकाडोण्ड पहुंचा। वहां पहुंचकर उन्होने मलेरिया की जांच हेतु गोटुल में शिविर लगाया। ग्रामीणों को एकत्रित करने के लिए ढोल बजाया, जिसकी आवाज सुनकर ग्रामीण अपने घरों से निकलकर गोटुल पहुंचें। गांवा के सभी लोगों की मलेरियिा जंाच की गयी, जिसमें से 4-5 ग्रामीण में मलेरिया के लक्षण पाये गये। इन मरीजों को सावधानीवश मलेरिया की दवाई दी गयी।

प्रदीप कुमार सिन्हा ने बताया कि गांव में ही एक व्यक्ति 8 दिन पहले पेड़ से गिर गया था, जिसके कारण उसकी हालत खराब थी और वह अपना ईलाज गांव के ही बैगा से करवा रहा था और वह अस्पताल आने के लिए राजी नहीं हो रहा था। स्वास्थ्य अमले द्वारा समझाने पर वह अस्पताल आने को तैयार हो गया। लेकिन समस्या थी, उसे जिला अस्पताल तक लाने की। ऐसे में खाट का डोला बनाकर ग्रामीणों की मदद से उसे सोनपुर तक लाया गया। उसके बाद उसे निजी वाहन से जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया।

ज्ञात हो कि राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम अंतर्गत जिला रायपुर में छत्तीसगढ़ शासन के निर्देशानुसार मलेरिया मुक्त करने हेतु जिले में कार्यक्रम प्रथम चरण का आयोजन 15 जनवरी से 14 फरवरी 2020 तक अभियान चलाया गया, जिसमें जिला नारायणपुर की कुल लक्षित जनसंख्या 1 लाख 56 हजार 100 के विरुद्ध कुल 1 लाख 73 हजार 091 लोगों का मलेरिया जाय किया गया।
जिसमें 68.386 प्रतिशत वार्षिक परजीवी सूचकांक रहा।

इसी प्रकार क्रमश: मलेरिया मुक्त बस्तर के द्वितीय का आयोजन  15जून से 31 जुलाई 2020 तक अभियान चलाया गया, जिसमें जिला नारायणपुर की कुल लक्षित जनसंख्या 1 लाख 58 हजार 807 के विरुद्ध कुल 16 हजार 783 लोगों का मलेरिया जांच किया गया, जिसमें 40.209 प्रतिशत वार्षिक परजीवी सूचकांक रहा।

इसी प्रकार मलेरिया मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान के प्रथम चरण का आयोजन 15 दिसम्बर से 31 जनवरी 2021 तक अभियान चलाया गया, जिसमें जिला नारायणपुर की कुल लक्षित जनसंख्या 1 लाख 36 हजार 206 के विरुद्ध कुल 1 लाख 30 हजार लोगों का मलेरिया जांच की गयी। जिसका 20.705 प्रतिशत वार्षिक परजीवी सूचकांक रहा। इसी प्रकार मलेरिया मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान का द्वितीय चरण का आयोजन 15 जून से 31 जुलाई तक अभियान चलाया गया, जिसमें जिले की कुल लक्षित जनसंख्या 1 लाख 36 हजार 206 के विरुद्ध कुल 1 लाख 42 हजार 260 लोगों का मलेरिया जांच किया गया। जिसमें 25.206 प्रतिशत वार्षिक परजीवी सूचकांक रहा। वर्तमान में मलेरिया मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान का तृतीय चरण का आयोजन बीते 22 नवम्बर से किया गया है, जो 21 दिसम्बर तक अभियान चलेगा। जिसमें जिला नारायणपुर की कुल 1 लाख 28 हजार 024 जनसंख्या को मलेरिया जांच हेतु लक्ष्य किया गया है। जिसमें से विकासखण्ड नारायणपुर में 217 ग्राम एवं विकासखण्ड ओरछा में 150 ग्रामों को लक्ष्य किया गया है। विकासखण्ड नारायणपुर में मलेरिया जांच हेतु कुल 80 टीम एवं विकासखण्ड ओरछा में 72 टीमों का गठन किया गया है। जिला नारायणपुर के अंतर्गत पुलिस कैंपों में भी मलेरिया जांच किया जाएगा।

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