राजनांदगांव
नगर पालिका चुनाव
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 28 नवंबर। खैरागढ़ नगर पालिका चुनाव में भाजपा कांग्रेस के कार्यकाल में ठप पड़े कार्यों को लेकर आम लोगों के बीच अपने पक्ष में माहौल बनाने पूरजोर प्रयास कर रही है। शहर की खूबसूरती पर बट्टा लगाने का आरोप लगाते हुए भाजपा ने बैठकों में चुनावी मुद्दा बनाने की रणनीति तैयार की है। कांग्रेस की तुलना में भाजपा निकाय चुनाव के लिए गंभीर दिख रही है। कांग्रेस निकाय चुनाव के शुरूआत में ही बिखरती दिख रही है। संगठन के प्रमुख पदाधिकारियों का स्थानीय कार्यकर्ताओं से मेल नहीं हो पा रहा है। कांग्रेस के लिए यह एक बड़ी चुनौती साबित हो सकती है।
इधर निकाय चुनाव के बहाने भाजपा के दो प्रमुख नेता जिलाध्यक्ष मधुसूदन यादव और जिला पंचायत उपाध्यक्ष विक्रांत सिंह की राजनीतिक प्रतिष्ठा भी दांव पर है। दोनों की आम लोगों के बीच गहरी पकड़ है। जिलाध्यक्ष यादव के लिए खैरागढ़ निकाय चुनाव नतीजों को लेकर प्रतिष्ठित बन गयाा है। सांगठनिक मुखिया होने के कारण उन पर हर हालत में भाजपा की ताजपोशी कराने की जवाबदारी होगी। यादव पूर्व सांसद होने की वजह से भी खैरागढ़ क्षेत्र में काफी दखल रखते हैं। शहरी बाशिंदों में यादव का प्रत्यक्ष संबंध रहा है। माना जा रहा है कि यादव अपने निजी और राजनीतिक संबंधों को भुनाने के लिए कोई कसर नहीं छोडेंगे। उन पर खैरागढ़ में शहरी सरकार की खुशी में भाजपा को सत्तासीन कराने की बड़ी जवाबदारी होगी।
उधर खैरागढ़ के बाशिंदा होने के साथ-साथ पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष होने के चलते विक्रांत सिंह की भी सियासी साख दांव पर होगी। विक्रांत सिंह करीब 10 वर्षों तक शहरी सत्ता के कुर्सी पर आसीन रहे हैं। उनके कार्यकाल में भाजपा की ताकत बढ़ी और शहर की राजनीति में कांग्रेस को हासिये पर जाना पड़ा। राजनीतिक रूप से 10 साल के कार्यकाल को एक स्वर्णिम कार्यकाल के रूप में अंकित माना जा रहा है। विक्रांत के ही कार्यकाल में ही खैरागढ़ को नगर पालिका का दर्जा मिला।
निकाय चुनाव में जीत की जवाबदारी विक्रांत पर भी होगी, क्योंकि उनके शहर से कांग्रेस की जीत पर बवाल खड़ा हो सकता है। जिलाध्यक्ष यादव और विकांत सिंह की रणनीति फिट बैठने पर कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ सकती है। दोनों नेताओं का साझा प्रयास कांग्रेस को चुनाव जंग में कमजोर कर सकता है। इस संबंध में जिलाध्यक्ष यादव ने ‘छत्तीसगढ़’ से कहा कि पूरी ताकत के साथ भाजपा चुनावी मैदान में उतरेगी।
कांग्रेस सरकार भले ही सत्ता में हो लेकिन जनता का रूख अभी से भाजपा के पक्ष में दिख रहा है। इसी तरह विक्रांत सिंह ने भी ‘छत्तीसगढ़’ से कहा कि पुराने कार्यों को ही यदि कांग्रेस निकाय में काबिज होने के दौरान सहेज लेती तो भी शहर सुंदर दिखता। बिना मांगे पाईप लाइन शहर पर थोप दी गई। जिसके चलते सिर्फ शहर में गड्ढे ही गड्ढे हैं। उन्होंने कहा कि विकास के बजाय शहर को विनाश की ओर ढकेलने में कांग्रेस ने कोई कसर नहीं छोड़ी है। उधर सियासी मैदान में मधुसूदन और विक्रांत के एक साथ मोर्चा सम्हालने से कांग्रेस को द्वंद लडऩे के लिए ऐडी-चोटी का जोर लगाना पड़ेगा।