बलौदा बाजार

ग्रामीणों को मिला न्याय, तालाब बना सरकारी धरोहर
28-Nov-2021 6:36 PM
ग्रामीणों को मिला न्याय, तालाब बना सरकारी धरोहर

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

बलौदाबाजार, 28 नवंबर। भाटापारा विधानसभा के अंतिम छोर पर बसे गांव लालपुर के निस्तारी तालाब को कुछ लोगों ने शासकीय कागज में हेरफेर कर बेच दिया था। निस्तारी का संकट पैदा होने पर ग्रामीणों ने न्याय पाने शासकीय कार्यालयों के चक्कर लगाए, लेकिन न्याय नहीं मिला। तब हाई कोर्ट में अर्जी देकर न्याय की गुहार लगाई। हाई कोर्ट के आदेश पर एसडीएम ने जांच की। मामले में हाई कोर्ट ग्रामीणों के पक्ष में फैसला सुनाते हुए तालाब को वापस शासकीय का दर्जा दिया। वहीं बलौदाबाजार कलेक्टर को 90 दिन के भीतर जवाब देने नोटिस भेजा है।

उल्लेखनीय है कि कुछ वर्ष पहले लालपुर गांव के दबंगों द्वारा शासकीय कागज में हेरफेर कर निस्तारी तालाब को कृषि भूमि बताकर बेच दिया था। जिसे गांव के रवि यादव और ग्रामवासियों ने न्याय पाने के लिए आवाज बुलंद की। कलेक्टर कार्यालय, एसडीएम कार्यालय व शासकीय कार्यालयों के चक्कर काट काट कर शिकायत की गई लेकिन कुछ प्रभाव नहीं पड़ा, फिर मामले में न्याय पाने के लिए हाई कोर्ट की शरण ली।  जिसके बाद लगभग एक साल तक मामला चलता रहा। हाई कोर्ट ने बलौदाबाजार कलेक्टर से मामले में जवाब-तलब किया। जिसमें 90 दिन में जवाब देने कहा। एसडीएम कार्यालय में प्रकरण चालू था और तालाब वापस शासन के रिकार्ड में शासकीय रूप में दर्शित हुआ।

एसडीएम की सक्रियता ने दिलाई ग्रामीणों को तालाब
एसडीएम लवीना पांडे ने प्रकरण में जांच की। जिसमें सुप्रीम कोर्ट के गाइड लाइन अनुसार 1951 के पूर्व निस्तारी वाली जो जगह है वो राज्य शासन में निहित होगी। उसी गाइड लाइन का पालन करते हुए 1961 में लालपुर का यह तालाब राज्य शासन में निहित हो चुका था, लेकिन उसका परिपालन पूर्ण रूप से नहीं किया गया था, जिसके कारण निजी भूमि बताकर बेच दिया गया था जिसे हाई कार्ट के आदेश अनुसार सुप्रीम कोर्ट के गाइड लाइन को मानते हुए 1961 में तालाब को शासन में निहित करने की कार्यवाही पूर्ण की गई जिससे अब तालाब शासकीय संपत्ति कहलाएगी और ग्रामीण उसे निस्तारी के रूप में उपयोग कर सकेंगे।

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