राजनांदगांव
भाजपा में एक और नया बखेड़ा, अविश्वास प्रस्ताव लाने एकजुट हुए सदस्य
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 29 नवंबर। गुटबाजी और अंतर्कलह से जूझ भाजपा की परेशानियां कम नहीं हो रही है। अब राजनांदगांव जनपद अध्यक्ष प्रतीक्षा भंडारी अपनी ही पार्टी के जनपद सदस्यों के द्वारा कमीशनखोरी के आरोप में घिर गई है। इस नए बखेड़े से पार्टी की मुश्किलें खड़ी हो गई है। 25 में से 23 जनपद सदस्य प्रतीक्षा भंडारी को हटाने पर जोर दे रहे हैं। पार्टी पर तुरंत फैसला करने का दबाव डालते जनपद सदस्यों ने साफ तौर पर कहा है कि अध्यक्ष को नहीं हटाए जाने की सूरत में अविश्वास प्रस्ताव लाने का प्रयास किया जाएगा। जनपद अध्यक्ष प्रतीक्षा भंडारी पर कमीशन मांगने और कांग्रेसियों के कामकाज को तवज्जो देने के आरोप लगे हैं। जनपद अध्यक्ष निर्वाचित होने के करीब दो साल बाद सदस्यों ने सीधे अविश्वास प्रस्ताव लाने की मुहिम शुरू की है। जनपद में मचे राजनीतिक कोहराम से संगठन में भी खलबली मच गई है। इस पूरे मामले का निपटारा करने के लिए वरिष्ठ नेता लीलाराम भोजवानी और जिला भाजपा अध्यक्ष मधुसूदन यादव ने स्थानीय विधायक कार्यालय में सभी सदस्यों से चर्चा की। सदस्यों ने अध्यक्ष पद खुलेआम भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने का आरोप लगाया है। साथ ही हर काम के लिए कमीशन मांगे जाने पर भी कड़ा ऐतराज जताया है। एक जानकारी के मुताबिक श्रीमती भंडारी के खिलाफ पिछले एक साल से सदस्यों में नाराजगी बढ़ी है। अविश्वास प्रस्ताव की समय-सीमा का सदस्य इंतजार कर रहे थे। नियमानुसार दो साल के बाद ही पद से हटाने अविश्वास प्रस्ताव लाने का प्रावधान है। ऐसे में अब सदस्यों ने सीधे अविश्वास प्रस्ताव लाने की तैयारी करते हुए पार्टी संगठन को अध्यक्ष भंडारी द्वारा पद छोडऩे का निर्देश देने का आग्रह किया है।
मिली जानकारी के मुताबिक सदस्यों और सभापतियों के साथ अध्यक्ष का तालमेल नहीं है। यही नहीं साधारण सभा की बैठक से पूर्व चर्चा नहीं करने की भी सदस्यों ने संगठन को जानकारी दी है। इस बात की खबर लगने के बाद करीब दो घंटे तक आला नेताओं को समझाईश दी है। सदस्यों ने शीर्ष नेताओं को स्पष्ट तौर पर इस्तीफा को ही मामले का पटाक्षेप के लिए एक ठोस विकल्प बताया है। यानी इस्तीफा नहीं दिए जाने की स्थिति में सदस्यों ने अविश्वास प्रस्ताव लाने की ठान ली है। राजनीतिक रूप से भाजपा के लिए यह विवाद काफी परेशानी खड़ी कर सकता है। निकाय चुनाव की दहलीज पर खड़ी भाजपा में लगातार विवादों का सामना कर रही है। ऐसे में निकाय चुनाव में इसका प्रत्यक्ष रूप से विपरीत असर पड़ेगा।
अविश्वास प्रस्ताव के बाद भी भाजपा का रहेगा अध्यक्ष
अविश्वास प्रस्ताव लाए जाने की सूरत में भाजपा की राजनीतिक सेहत पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा। राजनंादगांव जनपद अध्यक्ष का पद महिला अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है। कांग्रेस से इस वर्ग का एक भी सदस्य जनपद में नहीं है। जबकि भाजपा के पास अजा वर्ग की तीन महिला सदस्य मौजूद है। प्रतीक्षा भंडारी के इस्तीफा देने और अविश्वास प्रस्ताव पारित होने के बाद अध्यक्ष पद पर भाजपा का ही कब्जा रहेगा।
पति की बेवजह दखल से सदस्य नाखुश
जनपद अध्यक्ष के खिलाफ आवाज बुलंद करने की एक प्रमुख वजह में उनके पति सूर्यकांत भंडारी की बढ़ती दखल भी शामिल है। पति के अनावश्यक हस्तक्षेप के कारण सदस्यों को नीतिगत निर्णयों में परेशानी झेलनी पड़ रही थी। प्रशासकीय कार्य योजनाओं में पति के अनुसार निर्णय लेने के चलते सदस्य असहज महसूस कर रहे थे। अध्यक्ष श्रीमती भंडारी कई मामलों में फैसला लेने में विलंब कर रही थी। जिसके कारण सामान्य विषयों पर भी निर्णय नहीं हो पा रहा था। इस संबंध में जनपद अध्यक्ष के पति सूर्यकांत भंडारी ने ‘छत्तीसगढ़’ से कहा कि जनपद सदस्यों की बैठक की मुझे कोई जानकारी नहीं है। अभी तक इस विषय में मुझसे किसी ने संपर्क नहीं किया है। मुझ पर लगाए गए आरोप निराधार हैं।