जशपुर

किसान सम्मान निधि के किसानों के खाते नंबर बदले
30-Nov-2021 8:13 PM
किसान सम्मान निधि के किसानों के खाते नंबर बदले

जांच कर कार्रवाई के लिए भाजपा ने सौंपा ज्ञापन

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
पत्थलगांव, 30 नवंबर।
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना में किसानों को मिलने वाली राशि को पाने के लिए बदल दिया गया है। बैंक खाता में किसानों के नम्बर की जगह अन्य बैंकों के दूसरे लोगों के खाता नंबर को जोड़ा गया। भाजपा किसान मोर्चा ने जांच कर कार्रवाई के लिए एसडीओ को ज्ञापन सौंपा।

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की राशि 2000 रु., जिसे साल भर में कुल तीन बार दिया जाता है, जो कुल रकम एक वर्ष में 6000 रु. होता है, वह रकम बीते तीन वर्षों से अपने आधार नम्बर या खाता नम्बर के मिस मैच होने की वजह से किसान नहीं पा सके। जशपुर जिले के 1 लाख 1 हजार 5 सौ कुल किसान जिले में पंजीकृत हैं, पर इनमें से लगभग पांच हजार किसानों के खाते नम्बर को ही किसी के द्वारा बदल दिया गया, जो नम्बर और आईएफसीआई नम्बर छतीसगढ़ राज्य से दूसरे राज्यों के हैं।

पत्थलगांव कृषि विभाग के एसडीओ राकेश पैंकरा ने बताया कि जिले के किसानों ने उप संचालक कृषि जिला जशपुर के समक्ष एक शिकायत कर बताया कि काफी पंजीकृत किसानों के खाते में केंद्र से मिलने वाली किसान सम्मान निधि की रकम बीते तीन वर्षों से नहीं आई है। जिसकी जांच करने पर ये पाया गया कि लगभग 5 हजार किसानों के खाता नम्बरों को किसी के द्वारा बदल दिया गया है। जिसकी जांच रिपोर्ट हमारे द्वारा 15 नवंबर को संचालक कृषि रायपुर को भेज दी गई थी।

भारतीय जनता पार्टी किसान मोर्चा के सोशल मीडिया प्रभारी गोपाल सिंह ने बताया कि जिले के 5 हजार किसानों के खाता नम्बर को ही पूरी तरह बदल दिया गया है, जिसमें से 4500 खाता नंबर फिनो बैंक और 500 खाता नंबर एयरटेल पेमेंट बैंक, और पेटीएम बैंक के खाते हैं। और ये ज्यादातर नम्बर हमारे जशपुर जिले के न होकर अन्य राज्यों के हैं, जो कि सीधे-सीधे फ्राड की तरफ इशारा कर रहा है।

आगे कहा कि दिसम्बर महीने में केन्द्र से मिलने वाला किसान सम्मान निधि की रकम किसानों के खाते में आने वाला है। जैसे ही ये रकम आता है, तो उन पांच हजार किसानों के रु. उनके खाते में जाने के बजाय बदल दिए गए फर्जी खाते नम्बर में चला जाएगा, जिसकी कुल रकम 7 से 9 करोड़ रुपये है। जिससे वास्तविक किसानों को काफी नुकसान झेलना पड़ेगा। अगर जल्द इस पूरे फर्जीवाड़े की जांच की जाती है, तो इस फर्जीवाड़े में शामिल लोगों तक पहुंचा जा सकता है। जिससे बहुत से किसानों को मिलने वाली किसान सम्मान निधि की राशि को फर्जी खातों में जाने से रोका जा सकता है।

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