गरियाबंद
राजिम, 1 दिसंबर। भाजपा आर्थिक प्रकोष्ठ के प्रदेश कार्य समिति सदस्य श्याम अग्रवाल ने कहा कि समर्थन मूल्य पर आज से धान खरीदी शुरू हो गई है, लेकिन बारदाने की उपलब्धता को लेकर सैकड़ों किसानों का टोकन रद्द हो गया है, वहीं बारदाने लेने किसान इधर-उधर भटक रहे हैं।
उन्होंने कहा कि शासन के निर्देशानुसार धान खरीदी के लिए किसान को अपने धान बेचने के लिए 25 फीसदी बारदाने की खुद से व्यवस्था करनी होगी और बाकी बारदाने समितियों से मिलेगी। यह शर्त ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है। धान खरीदी तो शुरू हो जाएगी, लेकिन बारदाने की कमी ही खत्म नहीं हो पा रही है। कहा कि समस्या जल्द खत्म नहीं होने पर धान खरीदी प्रभावित हो सकती है, जो कि किसानों के लिए एक बड़ी समस्या है।
श्री अग्रवाल ने कहा कि बाजार में पुराने बारदाने की कीमत अभी 30 से 45 रूपये है और नए बारदाने की कीमत 70 रूपए तक है। जबकि किसानों को शासन द्वारा सिर्फ 18 रूपए ही दिए जाएंगे। इस प्रकार बारदाने की कीमत के अनुसार शासन किसानों को घाटे का सौदा करा रही है। साथ ही आशंका जताई जा रही है कि किसानों के सामने बारदाने की किल्लत से आने वाले समय में बाजार में बारदाने की कीमत आगे बढ़ते ही जाएगी। बारदाने की मांग बढऩे से बाजारों में बारदाने की मूल्य बढ़ सकती है। किसानों ने बताया-इस खरीफ सीजन में लगातार पानी की समस्या, बीमारी की समस्या, मौसम की मार से जूझना पड़ा है। अब अंत में बारदाने की समस्या का सामना करना पड़ रहा है जो चिंता का विषय है।
उन्होंने बताया कि भाजपा शासन ने 15 साल सत्ता में रही, लेकिन कभी भी बारदाने की समस्या नहीं आई। वहीं कांग्रेस ने दो साल में ही हाथ खड़े कर दिया है। उन्होंने कहा कि जब सरकार ही बारदाना की व्यवस्था नहीं कर पा रही है, तो किसान किस प्रकार बारदाने की व्यवस्था करेगी। अगर बारदाना बाजार में उपलब्ध है, तो सरकार तुरंत बारदाना की व्यवस्था कर समस्या का समाधान करें।
नहीं तो आने वाले समय में किसान उग्र आंदोलन कर सकती है।