गरियाबंद
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
नवापारा-राजिम, 1 दिसंबर। भाजपा खोरपा मंडल महामंत्री एवं रायपुर जिला ग्रामीण सहकारिता प्रकोष्ठ के मीडिया प्रभारी नेहरू लाल साहू ने जारी विज्ञप्ति में कहा कि छत्तीसगढ़ कांग्रेस सरकार की धान खरीदी नीति किसानों के लिए पीड़ा का सबब बन गया है। सरकार की पिछले वर्ष की धान खरीदी नीति के चलते बारदाना की समस्या आई। बारदाना आपूर्ति करने में सरकार असफ ल रही। किसानों ने आंदोलन और रोष प्रकट भी किया था। सरकार को अपनी विफ लता से सीख लेकर इस वर्ष के लिए बारदाना की व्यवस्था पहले से कर लेना था।
नेहरू लाल साहू ने कांग्रेस सरकार पर तंज कसते हुए कहा छत्तीसगढ़ सरकार कुर्सी दौड़ के चक्कर में इतनी व्यस्त हुई कि किसानों की सुध ही भूल गए। बालोद जिले के पिपरछेड़ी में जो घटना हुई, वह बेहद ही दुखद है। छत्तीसगढ़ के किसानों, बुजुर्गों, बहनों और माताओं को टोकन के लिए लाइन लगना, भीड़ उमडऩा विलंब से धान खरीदने का नतीजा है। जख्मी अन्नदाताओं से सरकार को माफी मांगनी चाहिए। किसानों को व्यवस्था देने में और बारदाना उपलब्ध कराने में सरकार पूर्ण रूप से विफल है। कहीं-कहीं बारदाना की कालाबाजारी भी शुरू हो चुका है। जहां 3 गुने दामों में बारदाना बेचा जा रहा है, जो छत्तीसगढ़ के किसान भाइयों के लिए गरीबी में आटा गीला होने के समान है।
नेहरू साहू ने यह भी मांग की कि सरकार 25 प्रतिशत किसानों से बारदाना न मांगे। क्योंकि किसान का किसी भी बारदाना बनाने वाली कंपनी से कोई संबंध नहीं है।
साथ ही बारदाना की कालाबाजारी पर नियंत्रण लगाएं। यह कैसी विडंबना है कि ब्लैक में बारदाना उपलब्ध हो रहा है और सरकार बारदाना उपलब्ध नहीं करा पा रही है। सरकार के नीयत पर यह सवाल उठाता है। विलंब से धान खरीदने के कारण छत्तीसगढ़ सरकार को प्रत्येक सोसाइटी में प्रतिदिन धान खरीदने की कैपेसिटी को दुगुना किया जाए। मौसम की भी मार से किसान दुखी है।