महासमुन्द

आवेदनों में कोविड रिपोर्ट संलग्न नहीं, मौत का कारण सत्यापित दस्तावेज के आधार पर होगी तय
04-Dec-2021 5:12 PM
आवेदनों में कोविड रिपोर्ट संलग्न नहीं, मौत का कारण सत्यापित दस्तावेज के आधार पर होगी तय

छत्तीसगढ़ संवाददाता
महासमुंद,4 दिसंबर।
सीएमएचओ डॉ. एनके मंडपे के मुताबिक बड़ी संख्या में ऐसे आवेदन आए हैं, जिसमें कोविड-19 की पॉजिटिव रिपोर्ट संलग्न नहीं है। साथ ही ये आवेदनों में कई ऐसे नाम भी हैं, जिनका डाटा स्वास्थ्य विभाग के पास नहीं है। इन आवेदनों में जो भी कमी है, उसे दूर करने के लिए जिले के बीएमओ और तहसीलदारों को जानकारी दी गई है। इसके बाद कमेटी आवेदनों में सत्यापित दस्तावेज के आधार पर तय करेगी कि उक्त व्यक्ति की मौत कोविड से हुई है या नहीं। लिहाजा स्वास्थ्य महकमे ने अब ऐसे आवेदकों से बिंदुवार जानकारी लेने के लिए बीएमओ और राजस्व विभाग से कहा है। आवेदकों से इलाज के दौरान दी गई दवाइयां, ट्रीटमेंट के तरीके, एचआरसीटी रिपोर्ट, सीने की एक्सरे रिपोर्ट और अन्य दस्तावेज की डॉक्टर द्वारा सत्यापित छायाप्रति मंगाई गई है।

गौरतलब है कि जिले में अब तक कोविड-19 से कुल 367 लोगों को मौत आधिकारिक रूप से हुई है। राज्य सरकार कोविड.19 से मृत व्यक्तियों के परिजनों को राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के तहत 50-50 हजार रुपए का मुआवजा प्रदान कर रही है। इस मुआवजे को पाने के लिए कोविड काल में मृत लोगों के परिजनों ने बड़ी संख्या में तहसील कार्यालयों में आवेदन दिया है। ये आवेदन स्वास्थ्य विभाग द्वारा सत्यापित 367 से दोगुनी संख्या में राजस्व विभाग के माध्यम से स्वास्थ्य विभाग के पास आए हैं। अब ऐसे आवेदनों का सत्यापन स्वास्थ्य विभाग की टीम कर रही है।

राजस्व विभाग के माध्यम से स्वास्थ्य विभाग को लगभग 350 आवेदन ऐसे आवेदन आए हैं। टीम इन आवेदनों की पड़ताल कर रही है कि आखिर इनकी मौतें कोविड.19 से हुई है या नहीं।् महासमुंद जिले में स्वास्थ्य विभाग के पास कुल 367 लोगों के आंकड़े हैं, जिनकी मौत कोविड.19 से हुई है। ये ऐसे लोग हैं, जिनका डाटा स्वास्थ्य विभाग के पास है।
अधिकारियों की मानें तो कोविड-19 पॉजिटिव आने के बाद अस्पताल में इलाज के दौरान या फिर होम आइसोलेशन में रहते हुए जिनकी मौतें हुई है, उनके रिकॉर्ड ही स्वास्थ्य विभाग के पास मौजूद हैं। लेकिन जिले में कई ऐसे लोग भी शामिल हैं, जो कोविड.19 से संदिग्ध रूप से ग्रसित थे, लेकिन इन्होंने अपना टेस्ट नहीं करवाया या फिर किसी तकनीकी कारणों से ये पॉजिटिव नहीं आए और उनकी मौत हो गई। अब ऐसे ही मृतकों के परिजनों ने भी मुआवजा पाने के लिए आवेदन दिया है।

विभाग के अनुसार शुरुआती दौर में कोविड .19 से होने वाली मौत में पॉजिटिव रिपोर्ट आने पर ही उनके परिजनों को लाभ दिए जाने का प्रावधान था। लेकिन सरकार ने कुछ महीने पहले ही अपनी गाइडलाइन में बदलाव किया है। नई गाइडलाइन के अनुसार कोरोनाकाल में यदि किसी कोविड संदिग्ध की इलाज के दौरान मौत हुई हो, या फिर किसी कारण से संदिग्ध होने के बावजूद उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव नहीं आई, लेकिन उनका पूरा इलाज कोविड-19 प्रोटोकॉल के तहत हुआ हो और उनकी मौत हो गई। कोरोना काल के दूसरे दौर का प्रकोप मई के दूसरे पखवाड़े तक खत्म हो गया था। मई माह तक ही जिले में 366 मौतें कोरोना से हुई थी, जिसके बाद 2 नवंबर को कोरोना से 1 की मौत हुई थी। इसके साथ ही कोरोना पॉजिटिव पाए जाने वालों की संख्या भी काफी कमी आई है। नवंबर माह में लगभग 16 पॉजिटिव केस सामने आए हैं।
 

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