महासमुन्द
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद, 4 दिसंबर। बिरकोनी धान खरीदी केंद्र में कल मशीनों में नमी की अलग-अलग माप आने से भडक़े किसानों ने जमकर हंगामा किया। जिले के समीप स्थित ग्राम बिरकोनी के खरीदी केंद्र में धान में अधिक नमी बताकर किसानों को वापस भेजने का मामला सामने आया है। किसानों की शिकायत पर जब किसान नेता मौके पर पहुंचे और दूसरे केंद्र से मशीन मंगाकर धान की जांच की तो नमी सामान्य पाई गई।
इसके बाद आक्रोशित किसानों ने केंद्र में जमकर हंगामा किया। इसके बाद किसान नेताओं की मौजूदगी में किसानों से जानकारी के मुताबिक कुछ धान खरीदी केंद्रों में धान खरीदी दिनांक से ही कई किसानों को उनके धान में नमी अधिक होने का हवाला देकर केंद्र से वापस भेजा जा रहा है। किसानों ने समिति के अधिकारियों को बताया कि वे पहले से ही धान सुखाकर ला रहे हैं, ऐसे में नमी का सवाल ही नहीं उठता। बावजूद इसके अधिकारियों ने किसानों की बात नहीं मानी और उन्हें वापस भेज दिया। पिछले तीन दिनों में समिति की ओर से 20 से अधिक किसानों का धान इसी प्रकार रिजेक्ट किया जा चुका है।
किसानों की ओर से इस पूरे मामले की जानकारी किसान नेता व जिला पंचायत सदस्य जागेश्वर जुगनू चंद्राकर और जिला पंचायत के सभापति अमर अरुण चंद्राकर को दी गई। जानकारी मिलते ही शुक्रवार को जुगनू और अमर चंद्राकर बिरकोनी समिति पहुंचे। यहां अधिकारियों ने धान में नमी होने का हवाला देते हुए धान रिजेक्ट करने की बात कही। बिरकोनी समिति के ही कांपा स्थित उप धान खरीदी केंद्र से नमी मापक मशीन मंगाई गई। कांपा की मशीन में सामान्य पाई गई। इसके बाद धान खरीदा गया।
जानकारी के अनुसार शुक्रवार को जब किसान बिरकोनी खरीदी केंद्र पहुंचे तो वहां मौजूद मॉइश्चर मशीन से धान में नमी की जांच की गई। बरबसपुर के किसान संतराम के धान में 19.3 प्रतिशत की नमी आई। जबकि मैनुवल मशीन में उसी धान की नमी 18.3 प्रतिशत आई। इसी तरह कांपा सोसायटी की मशीन से जब धान की नमी मापी गई तो उसमें 15.6 प्रतिशत नमी रही।
इसी तरह 250 कट्टा धान लेकर पहुंचे तुषार चंद्राकर के धान में पहले तो 18.6 प्रतिशत नमी बताई गई। जब कांपा की मशीन से उसकी जांच की गई तो उमसें नमी 14.2 फीसदी थी। इसी प्रकार संदीप चंद्राकर के 300 कट्टा धान की नमी 21.2 और 13.6, गोवर्धन चंद्राकर के 180 कट्टा धान की नमी 20.5, 15.3, लेमन चंद्राकर का 350 कट्टा धान में नमी पहले 21.2 और बाद में 15.6 प्रतिशत रही। इसी प्रकार 8 किसानों के धान में नमी 10 प्रतिशत से भी कम थी।
आंदोलनरत किसानों ने तीसरे दिन भी नहीं बेचा धान
नरसैय्यापल्लम उपार्जन केंद्र का कोड विलोपित कर उसे बंद करने से नाराज 4 गांवों के किसानों ने तीसरे दिन भी धान का विक्रय नहीं किया।
किसान लगातार तीसरे दिन सडक़ पर आंदोलन में बैठे रहे। किसानों ने कहा कि पिछले 10 साल से जिस केंद्र में धान बेचते आ रहे हैं, वहीं इस साल भी धान का विक्रय करेंगे। यदि केंद्र को फिर से शुरू नहीं किया जाता तो आंदोलन तेज होगा। बसना ब्लॉक के नरसैय्यापल्लम सहित ठेलकोदादर, आरंगी, परधिया सरायपाली के किसानों ने तीसरे दिन भी धान नहीं बेचा। यहां के किसान इस साल बम्हनी उपार्जन केंद्र खोलने के बाद नरसैय्यापल्लम के कोड को विलोपित करने को लेकर आंदोलनरत हैं।