सरगुजा

काव्य गोष्ठी में कवियों ने बांधा समा
04-Dec-2021 7:38 PM
काव्य गोष्ठी में कवियों ने बांधा समा

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

अम्बिकापुर, 4 दिसंबर। हिंदी साहित्य परिषद सरगुजा द्वारा परिषद के जिला उपाध्यक्ष श्याम बिहारी पांडेय के साल परिसर स्थित निवास पर प्रसिद्ध गजल कार यादव विकास के मुख्य आतिथ्य वरिष्ठ साहित्यकार बंशीधर लाल के विशिष्ट आतिथ्य व परिषद के जिलाध्यक्ष विनोद हर्ष की अध्यक्षता में काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया।

कार्यक्रम का शुभारंभ अतिथियों द्वारा मां सरस्वती की पूजा-अर्चना कर हुआ। गोष्ठी के प्रारंभ में प्रकाश कश्यप ने सरस्वती वंदना की प्रस्तुति दी। विभिन्न रस व विधाओं पर काव्य पाठ करते हुए कवियों ने समां बांध दिया। इसी क्रम में गजलकार यादव विकास की गजल- कोई तो बात है दिल तुमपे आ गया वर्ना एक से एक हसीन आंख से गुजरे होंगे, पूनम दुबे ने मुस्कुराते देश की मुस्कुराती बेटियां गीत की प्रस्तुति देकर बेटियों की गौरवपूर्ण उपलब्धियों का बखान किया।

परिषद के जिलाध्यक्ष विनोद हर्ष ने कोरोना के नये वैरिएंट ओमिक्रॉन पर आगाह करती रचना ‘छाती न फट जाये कहीं इन दारुण चित्रकारों में, शीघ्र संक्रमण को भस्म करो मां, हवन कुंड के दहकते अंगारों में’ का पाठ किया।

अमरीश कश्यप ने मैं आया था गंगा बनकर अब कचरा बन कर बहता हूं द्वारा मां गंगा के बढ़ते प्रदूषण पर अपनी चिंता व्यक्त की। वरिष्ठ कवि राजेश पांडे ने रिश्तों की ओ बुनियाद कभी नहीं हिल सकती - करते हैं जो मनुहार जरा सोच समझ कर, वंशीधर लाल ने अपनी रचना में मानवता के क्षरण का उल्लेख करते हुए आदमी की आदमियत जगा के देखिए - मिलता सुकून चैन आजमा के देखिए रचना का पाठ किया।

प्रसिद्ध गीतकार देवेंद्र दुबे ने ग्रामीण संस्कृति का चित्रण करते हुए आके शहर म फस गे पांव रे - अब लौटा दे संगी मोर गांव रे, मुकुंद लाल साहू ने सरगुजा ठंड का उल्लेख करते हुए सरगुजिया ठंड की करूं क्या बात - दिन भी अब घायल करे कातिल लगती रात, श्याम बिहारी पांडे ने देश भक्ति गजल तुम्हारी अदा पर मरा जा रहा हूं मरके भी मैं तो तरा जा रहा हूं।

प्रताप पांडे ने टोपियों के रंग बदलने से कुर्सी का ईमान नहीं बदलता, दिग्विजय तोमर ने एक कदम स्वच्छ भारत मिशन के संग अंबिकापुर निगम नंबर वन, प्रकाश कश्यप की गज़़ल- प्रतिस्पर्धा में यहां पर यार बढ़ते हैं जो सही में मन लगाकर पढ़ते हैं। इसके अलावा गोष्ठी में अजय शुक्ल बाबा, गीता दुबे, उदय कुमार दुबे,अजय श्रीवास्तव, माधुरी जयसवाल,अर्चना पाठक गीता द्विवेदी,आशा उमेश पांडे ने भी रचना पाठ किया।

काव्य गोष्ठी का संचालन राज नारायण द्विवेदी ने व आभार प्रदर्शन श्याम बिहारी पांडे ने ज्ञापित किया। इस अवसर पर  सुरेंद्र ओझा, लीला यादव, बीआर तिर्की सहित अनेक काव्य प्रेमी उपस्थित रहे।

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