राजनांदगांव
औंधी के आखिरी छोर के घोड़ाझरी प्राथमिक स्कूल हुआ जर्जर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
अंबागढ़ चौकी, 5 दिसंबर। मानपुर ब्लॉक के औंधी क्षेत्र के घोड़ाझरी गांव के प्राथमिक विद्यालय का भवन पूरी तरह जर्जर हो चुका है। हालात यह है कि भवन कभी भी जमींदोज हो सकता है, लेकिन शिक्षा विभाग की लापरवाही से आज भी भवन जस की तस है। गांव के पालक, सरपंच एवं शिक्षक और बच्चे खतरे की आशंका को देखते नया भवन बनवाने के लिए गुहार कर चुके हैं, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं होने से डर का माहौल बना हुआ है।
छत्तीसगढ़ सरकार ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा का बेहतर माहौल देने का दावा कर रहे हैं, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है। औंधी क्षेत्र के घोड़ाझरी का यह प्राथमिक विद्यालय इतना जर्जर हो चुका है कि कभी भी गिर सकता है। 49 छात्र-छात्राओं वाले इस विद्यालय के कमरे जब जर्जर हो गए तो शिक्षकों ने बरामदें में पढ़ाना शुरू कर दिया, लेकिन बरामदा भी जर्जर हो चुका है।
नवागांव सरपंच अनिला उसारे ने बताया कि नए विद्यालय भवन को लेकर उन्होंने बीईओ, सीईओ से लेकर विधायक और शिक्षा विभाग के अधिकारियों से गुहार लगाई है, पर अब तक किसी ने इस समस्या का समाधान करने में रूचि नहीं दिखाई। वहीं शिक्षकों का मानना है कि बच्चों की पढ़ाई प्रभावित न हो इसलिए गांव में बने सामुदायिक भवन में पढ़ाने की मजबूरी है।
सामुदायिक भवन इतना छोटा है, जहां बैठने के लिए पर्याप्त जगह नहीं है, फिर भी बच्चे मजबूरी में आते हैं। स्कूल में पढ़ाई का माहौल बेहतर होने के कारण नियमित रूप से छात्र विद्यालय आ रहे हैं। स्कूल में अध्यनरत बच्चों का कहना है कि अगर उनके लिए दूसरे भवन की व्यवस्था हो जाती तो अच्छा होता, क्योंकि छोटे से सामुदायिक भवन में बैठकर पढ़ाई करना लगभग न के बराबर है।
बात करें तो औंधी क्षेत्र के दर्जनों स्कूल ऐसे हैं जो पूरी तरह से जर्जर हो चुके है, जहां बच्चे अपना भविष्य गढ़ रहे हैं और गांव के किसी सामुदायिक भवन में पढऩे मजबूर है। भले ही शिक्षा विभाग हो या जनप्रतिनिधि जल्द ही स्कूल के लिए नए भवन का निर्माण करवाने का आश्वासन देता हो, पर समस्या का समाधान करना भूल जाते हैं।