कोरिया

बारदाने के लिए परेशान हो रहे हैं किसान
05-Dec-2021 4:57 PM
बारदाने के लिए परेशान हो रहे हैं किसान

सूखत के नाम पर धान को किया जा रहा है रिजेक्ट

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बैकुंठपुर (कोरिया), 5 दिसंबर।
एक दिसंबर से किसानों से समर्थन मूल्य पर धान खरीदी तो शुरू हो गई है, परन्तु किसानों को जारी टोकन में 25 प्रतिशत बारदाने लाकर विक्रय करने शर्त से किसान परेशान हैं, वहीं सूखत को लेकर भी ज्यादातर समितियों में किसानों के साथ उनके धान को रिजेक्ट करने की बात सामने आ रही है। प्रतिदिन अपने-अपने क्षेत्र के समितियों में किसान धान बेचने के लिए पहुंच रहे हैं, जिन्हें कई तरह की समस्याओं से जूझना पड़ रहा है।

जानकारी के अनुसार विभिन्न समितियों में धान विक्रय करने पहुंचने वाले किसानों के धान को सूखत के नाम पर लेने से इंकार कर लौटा दिया जा रहा है। कई किसान ऐसे हैं, जो धान वाहनों में भरकर समितियों तक पहुंच रहे हंै, पर सूखत के नाम पर उनके धान को वापस कर दिया जा रहा है, इससे किसानों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इस तरह की समस्या लगभग जिले के सभी समितियों की बनी हुई है।

किसानों का आरोप है कि पहुंच वाले किसानों का धान में नमी नहीं बताई जा रही है, उनका धान लाने के साथ ही ले लिया जा रहा है, लेकिन जिन किसानों की पहुंच नहीं है, उन्हें नमी के नाम पर वापस लौटा दिया जा रहा है। जिससे किसानों में नाराजगी है।

कटाई मिसाई के साथ धान खरीदी
कोरिया जिले में धान की कटाई के साथ ही मिसाई किया गया। वर्तमान में ज्यादातर किसानों के द्वारा धान की मिसाई थ्रेसर से पूरा कराया जा रहा है। यही कारण है कि कटाई के बाद तत्काल धान की मिसाई थ्रेसर के माध्यम से तत्काल हो जा रही है और धान को विक्रय करने बोरे में भरकर ले जाया जा रहा है। जिससे धान में नमी बरकरार है, यही नमी किसानों के लिए परेशानी का सबब बना हुआ है।

वर्तमान में जिले के सभी क्षेत्रों में धान की कटाई कार्य लगभग पूरा कर लिया गया है, सिर्फ जीराफूल धान की कटाई अभी बचा हुआ है। किसानों के द्वारा विक्रय करने के लिए कई कंपनियों के हाईब्रिड धान बीज का उपयोग करते हैं, जबकि जीराफूल धान को समितियों में विक्रय नहीं किया जाता, बल्कि उसका चावल बाजारों में विक्रय किया जाता है, जिसकी अच्छी कीमत मिल जाती है।

बारदाने की कमी का पड़ रहा प्रभाव
जिले के धान खरीदी केंंद्र में इस बार भी बारदाने की कमी मुख्य रूप से बनी हुई है। बारदानों की कमी से धान खरीदी प्रभावित न हो, इसे लेकर शुरूआत समय से किसानों से 25 फीसदी जूट के बारदाने लाने को कहा जा रहा है।

इधर, बाजार में भी जूट बारदाने नहीं मिल रहे हैं और हैं भी तो महंगे दाम पर विक्रय किया जा रहा है। वहीं दूसरी ओर समितियों द्वारा किसानों से 25 प्रतिशत बारदाने अपने लाने के निर्देश के बाद किसानों के समक्ष दिक्कत खड़ी हो गयी है।

जानकारी के अनुसार बारदाने की कमी के बीच सरकारी निर्देश यह भी जारी किया गया है कि जिन किसानों के द्वारा अपने बारदाने में धान विक्रय किया जा रहा है, उन्हें 18 की जगह 25 रूपये प्रति क्विंटल की दर से धान खरीदा जा रहा है। परन्तु बाजार में 50 से 70 रूपए का एक बोरा मिल रहा हैं, उसकी भी काफी डिमांड होने के कारण बाजार में बोरे मिल भी नहीं रहे हंै। इस व्यवस्था में 7 रूपये बोरी का प्रदान किये जाने की बात कही जा रही है, लेकिन किसानों के पास भी पर्याप्त बारदाना नही है, जिस कारण कम ही किसान अपने बारदाने में धान विक्रय कर रहे हैं।
 

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