दुर्ग
पीडब्लूडी विभाग के अफसरों को तेजी से काम करने के निर्देश
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दुर्ग, 5 दिसंबर। नेहरू नगर चौक से मिनीमाता चौक तक जीई रोड के उन्नयन और सौंदर्यीकरण कार्य में प्रगति न आने पर वरिष्ठ कांग्रेस विधायक अरुण वोरा ने नाराजगी जताई है। वोरा ने पीडब्लूडी अफसरों से कहा है कि 64 करोड़ की लागत से रोड के उन्नयन और सौंदर्यीकरण कार्य बेहद धीमी गति से चल रहा है। आम जनता को सौंदर्यीकरण के साथ ही चौड़ी सडक़ की सुविधा शीघ्र मिलना चाहिए, लेकिन काम की गति धीमी होने से लोग ऊबडख़ाबड़ सडक़ पर आवागमन करने मजबूर हैं। दिन रात सडक़ पर उड़ती धूल से लोगों को परेशानी हो रही है। वोरा ने आज इस संबंध में पीडब्लूडी मंत्री ताम्रध्वज साहू से भी शिकायत की है।
हालत ये है कि भूमिपूजन के बाद लगभग 14 माह पूरे हो चुके हैं। इसके बावजूद टेंडर लेने वाली एजेंसी ने अभी तक ड्रेनेज सिस्टम का निर्माण ही नहीं किया है। ड्रेनेज से संबंधित कार्य होने के बाद ही सडक़ चौड़ीकरण का काम शुरू होगा। इसके बाद सौंदर्यीकरण के कार्य किए जाएंगे। इस दौरान चौक-चौराहों को शिफ्ट भी किया जाना है। बिना प्लानिंग किये आधे-अधूरे निर्माण कार्य से जीई रोड की दुर्गति हो गई है। बारिश थमने के बाद ऊबडख़ाबड़ सडक़ पर पैचवर्क के नाम पर पैबंद लगाने का काम ही किया गया है।
विधायक अरुण वोरा ने पीडब्लूडी अफसरों को कड़े निर्देश देते हुए कहा है कि रोड के उन्नयन और सौंदर्यीकरण का कार्य तेजी से पूरा किया जाना चाहिए। पीडब्लूडी अफसर निर्माण कार्यों की नियमित समीक्षा करें और गुणवत्तापूर्ण कार्य सुनिश्चित कराएं। जितना काम होना चाहिए था, उसका 50 फीसदी काम भी नहीं हो पाया है। वोरा ने कहा कि डिवाइडर पर प्रकाश व्यवस्था के लिए 12 करोड़ रुपए स्वीकृत किये गए हैं। यह काम भी तत्काल शुरू किया जाना चाहिए। उन्होंने नाराजगी जताते हुए कहा कि जीई रोड जैसे व्यस्ततम रोड पर रात के समय पर्याप्त प्रकाश व्यवस्था न होना दुर्भाग्यजनक है।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने दुर्ग शहर में रोड के उन्नयन और सौंदर्यीकरण कार्य का वर्चुअल भूमिपूजन 2 अक्टूबर 2020 को किया था। भूमिपूजन के बाद रोड उन्नयन का काम शुरू करने में लेटलतीफी होती रही।
इस योजना को स्वीकृति दिलाने वाले विधायक अरुण वोरा के कड़े निर्देश के बाद पीडब्लूडी अफसरों ने 12 दिसंबर 2020 को यह काम शुरू कराया। पीडब्लूडी मंत्री ताम्रध्वज साहू और विधायक अरुण वोरा की मौजूदगी में निर्माण कार्य शुरू किया गया। लेकिन एक साल का समय बीतने के बावजूद न उन्नयन कार्य में प्रगति आई है, न सौंदर्यीकरण का काम हुआ है।