कोरिया
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बैकुंठपुर (कोरिया) कोरिया जिले में जारी नगरीय चुनाव के लिए कांग्रेस ने अधिकृत प्रत्याशियों की सूची जारी कर दी, भाजपा को घेरने कांग्रेस ने रणनीति के तहत नामों की घोषणा की है, परन्तु कुछ वार्ड ऐसे है जहां दोनों दलों को निर्दलियों से जमकर टक्कर मिलने की उम्मीद जताई जा रही है।
आगामी चुनाव में कांग्रेस के कई दिग्गज लगातार शहर में रहकर मोर्चा संभालने वाले है, जिसकी रूपरेखा भी कांग्रेस ने तैयार कर ली है। वहीं जारी चुनाव में रेत का व्यवसायिकरण के कारण बढ़े दाम, कांग्रेस का पिछला कार्यकाल की सैकड़़ों नाकामियां और जिले का विभाजन इस चुनाव में प्रमुख मुद्दा बनकर उभरेगा।
कोरिया जिले के बैकुंठपुर और शिवपुर चरचा नगर पालिका चुनाव के लिए कांग्रेस ने अधिकृत प्रत्याशियों की सूची जारी कर दी। बैकुंठपुर नगर पालिका के लिए सोनू डवरे, सुनील गुप्ता, मनीष कुमार सिंह, शशि कुमार माझी, धीरज कुमार शिवहरे, आशीष कुमार यादव, राजेश घसिया, बाबी, प्रगीता सिंह, अध्यदुल्ला फिरोज, मुर्शरत जहां, प्रखर जायसवाल, अंकित गुप्ता, साधना जायसवाल, देवी प्रसाद खटिक, अन्नपूर्णा सिंह, पूजा तिवारी, ललिता सिंह, जुबेदा बेगम और लालदास महंत को मैदान में उतारा है, जबकि शिवपुर चरचा से ईंदसिमी सोनवानी, प्रदीप कुमार राजवाड़े, लालमुनि यादव, दिलकुंवर कंवर, रामकुमार, पूनम शर्मा, रविशंकर, हेमसागर यादव, सुनीता चर्मकार, लाल मोहम्मद, रेशमा परवीन, उर्मिला सिंह, सुखदेव साहू, मो शाकिब इराकी, प्रदीप तिवारी को अधिकृत प्रत्याशी बनाया है।
सूची जारी होने के बाद दबाव
बैकुंठपुर में भाजपा के अंदर काफी गदर मचा हुआ है। यहां दिग्गज नेताओं की शिकायत कार्यकर्ता संगठन स्तर पर कर रहे है, क्योंकि नाम की घोषणा के बाद वार्ड नंबर 20 के प्रत्याशी को दबाव देकर नाम वापसी करवाने का काम किया जा रहा था, जिसके बाद जानकारी सोशल मीडिया में आई कि दबाव देकर नाम वापसी करवाई जा रही है, जिसके बाद कई कार्यकर्ताओं ने मामले की जानकारी रायपुर स्तर पर संगठन प्रमुख को दी गई। जिसके बाद नेता बैकफुट पर आए और अब कुछ दबाव कम हो पाया।
मुद्दों पर होगा चुनाव
जारी चुनाव में भाजपा के पास मुद्दो की कमी नहीं है, बैकुंठपुर में बीता कार्यकाल कांग्रेस का ही रहा है, कांग्रेस के कार्यकाल में ठेकेदारी हो या सप्लाई का काम हो हर काम में भाई भतीजावाद हावि रहा। वहीं पूर्व अध्यक्ष का कार्यकाल में शहर का संतोषजनक विकास नहीं हो पाया, 10 वर्ष पूर्व शहर जहां था वहीं पर आज भी है, बजबजाती नालियां आज भी वैसी की वैसी है। वहीं रेत का व्यवसायिकरण के कारण रेत के दाम कई गुणा बढ़ गए, जिसे लेकर प्रशासन ने आम लोगों की एक ना सुनी, मजबूर होकर लोगों को 4 गुणा महंगी रेत लेकर निजी निर्माण कार्य करना पड़ रहा है। वहीं ताजा मामला कोरिया के विभाजन को लेकर लोगों के जेहन में बसा हुआ है।