कोरिया
अब होगा चुनावी घमासान
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बैकुंठपुर (कोरिया), 6 दिसंबर। नगरीय निकाय चुनाव के नामांकन पश्चात नाम वापसी की अंतिम तारीख 6 दिसंबर को कलेक्टर कार्यालय परिसर में काफी गहमा-गहमी का माहौल बना रहा। इस दिन दोपहर ढाई बजे खबर लिखे जाने तक 29 प्रत्याशियों ने अपना नामांकन वापस ले लिया। जिसमें 19 बैकुंठपुर जबकि 10 शिवपुर चरचा नपा से नामांकन की वापसी हुई है। अब स्थिति स्पष्ट हो चुकी है कि मुकाबला कांग्रेस और भाजपा के बीच सीधा है, हलांकि कुछ वार्डों में निर्दलीय भी दोनों पार्टियों पर भारी पड़ेंगे।
बीते 3 दिसंबर को नामांकन का अंतिम दिन रहा इस दिन भाजपा तथा कांग्रेस ने नगरीय निकाय शिवपुर चरचा तथा बैकुण्ठपुर नगर पालिका के सभी वार्डों में अपने प्रत्याशियों का नामांकन भराया था। अब नाम वापसी के बाद नपा शिवपुर चरचा तथा नगर पालिका बैकुंठपुर के सभी वार्डों में मैदान में शेष बचे उम्मीदवारों के द्वारा अब चुनाव जीतने की रणनीति तैयार की जाएगी। नाम वापसी के बाद अब सभी प्रत्याशी जनता से संपर्क करने का दौर शुरू कर देंगे और घर-घर दस्तक देना भी शुरू कर देंगे। ठंड बढऩे के साथ ही अब चुनाव की सरगर्मी भी बढना शुरू हो जाएगी। आगामी 20 दिसंबर को नगरीय निकाय चुनाव के लिए मतदान की तिथि निर्धारित है। इस दिन निर्धारित समय से अंतिम समय तक मतदान कराया जाएगा। जिसके लिए 6़ दिसंबर को चुनाव संपन्न कराने लिए चुनाव अधिकारियों का प्रशिक्षण कार्यक्रम भी संपन्न किया गया।
इनकी हुई नाम वापसी
बैकुंठपुर नगर पालिका से दीपा ठाकुर, शब्बीर अली, आफताब अहमद, कुसुम ग्यार, रिंकी देवी, रोशनी, राजेश कुमार, बरखा जायसवाल, नूरजहां गुप्ता, रकीबा बेगम, धीरेंद्र प्रताप सिंह, राजू खटीक, निक्की शिवहरे, आशा जायसवाल, जनक गुप्ता, फूलपति रजक, कंचन, विपुल शुक्ला और आशीष डवरे और शिवपुर चरचा से 10 लोगों ने नाम वापस लियां जिसमें श्री कुमारी, रामभरोस, आत्मा राम, अवतार पटेल, माला मोदनवाल, छमा तिवारी, सचिन दास, रूपेश कुमार, तबस्सुम, रूपेश कुमार ने नामांकन वापस लिया।
बीते 6 दिसंबर को नाम वापसी के बाद अब चुनाव प्रचार का शोरगुल सुनाई देने लगेगा। अब दोनों नगरीय निकाय के सभी वर्डो के प्रत्याशियों को चुनाव चिन्ह आबंटित होने के बाद तत्काल की अपने अपने वार्डों में चुनाव प्रचार के लिए निकल पड़ेगे और चुनावी शोरगुल वार्डों में शुरू होगा। घर संपर्क का दौर भी चलना शुरू हो जाएगा। हर बार की तरह इस बार भी कई वार्डो में निर्दलीय उम्मीदवार भाजपा कांग्रेस के लिए मुसीबत बन गये हं जिनकी चुनौती से निपटने के लिए रणनीति तैयार कर चुनाव प्रचार करना होगा। दोनों ही नगरीय निकाय में कुछ वार्डो में पुराने चेहरे ही उतरे हैं, जबकि अधिकांश वार्डों में नये चेहरे शामिल हैं। भाजपा कांग्रेस की सूची जारी होने के साथ ही वार्ड के लोगों के द्वारा पूर्वामान लगाकर जीत-हार का दावा अभी से करने लगे है।
घोषणा पत्र अब तक जारी नहीं
कोरिया जिले के नगरीय निकाय शिवपुर चरचा तथा नपा बैकुंठपुर में प्रमुख राजनीतिक दल भाजपा व कांग्रेस ने अपने अपने उम्मीदवार उतारे है । नाम वापसी का दिन भी समाप्त हो गया लेकिन अब तक दोनों ही दलों द्वारा अपने अपने चुनावी घोषणा पत्र जारी नहीं किया गया है। दोनों ही नगरीय निकाय में पिछली बार कांग्रेस का कब्जा रहा और इस बार जब पद्रेश में कांग्रेस की सरकार है, तब अपनी नाक बचाने के लिए कांग्रेस दोनों ही नगरीय निकाय चुनाव में अपनी सीट को बचाए रखने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगाने में हैं। वहीं कांग्रेस के चुनाव प्रभारी के रूप में मंत्री डॉ. शिव डहरिया को कमान सौंपी गयी है ऐसे में हर हाल में कांग्रेस दोनों निकाय में अपना जीत सुनिश्चित करना चाहता है। वहीं भाजपा भी अपनी जीत के आश्वासन के साथ पूरा जोर लगाने की तैयारी में है।
इस बार कोरिया जिले के विभाजन के बाद दोनों दलों ने अन्यायपूर्ण विभाजन को लेकर चुनाव बहिष्कार का निर्णय लिया था, लेकिन नामांकन के ऐन वक्त दोनों प्रमुख राजनीतिक दलों ने यू टर्न ले लिया और चुनावी बहिष्कार को छोडक़र मैदान में कूद पड़े। जबकि गोगपा, सपा, बसपा आप नगरीय निकाय चुनाव में शामिल नहीं होकर चुनाव बहिष्कार पर अडिग है।
पार्षद ही चुनेंगे अपना अध्यक्ष
इस बार के नगरीय निकाय चुनाव में अध्यक्ष का चुनाव अप्रत्यक्ष निर्वाचन प्रणाली के तहत कराये जाने का निर्णय लिया है, अर्थात पार्षद ही अपने निकाय के अध्यक्ष का चुनाव करेगे। जिस कारण अध्यक्ष पद का सपना लिए कई प्रत्याशी पार्षद के चुनाव में उतरे हंै, जिनके द्वारा पार्षद जीतकर अध्यक्ष की कुर्सी पर पूरा ध्यान लगाया है।
जिसके चलते इस बार पार्षद से अध्यक्ष पद का सपना देने वाले उम्मीदवारों को एड़ी चोटी एक कर हर हाल में चुनाव जीतना होगा, जिसके बाद अध्यक्ष की कुर्सी के लिए जोर आजमाईस होगा। हालांकि दोनों ही नगरीय निकाय चुनाव में कांग्रेस या भाजपा का की दबदबा हो सकता है, लेकिन अभी यह कह पाना मुश्किल है कि अध्यक्ष पद पर दोनों नगरीय निकाय के अध्यक्ष पद किसके खाते में जाएगा।