सरगुजा
बच्चों को टाई-बेल्ट व परिचय पत्र भी
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रामानुजगंज, 7 दिसंबर। रामचंद्रपुर विकासखंड के एक शिक्षक के द्वारा अनूठी पहल करते हुए 6 प्राथमिक शाला एवं 2 माध्यमिक शाला के 560 बच्चों के शिक्षा के स्तर को सुधारने गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने एवं बस्ते का बोझ कम करने के लिए पहल की है, जो बहुत ही अनुकरणीय है। शिक्षक की पहल पर जहां 560 बच्चे स्कूल में बसता ले जाने से मुक्त हो गए, वहीं निजी शैक्षणिक संस्थाओं के तर्ज पर 560 बच्चे के लिए टाई बेल्ट- परिचय पत्र भी प्रदान किए गए हैं।
प्राप्त जानकारी के अनुसार रामचंद्रपुर विकासखंड के चंद्रनगर संकुल के संकुल समन्वयक उपेंद्र कुमार सिंह की पहल पर यह संभव हो सका है। उपेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि कोरोनाकाल के दौरान बच्चे स्कूल नहीं आ पाते थे, वहीं गरीबी के कारण एंड्राइड मोबाइल नहीं था, जिस कारण ऑनलाइन पढ़ाई भी नहीं हुआ। जब बच्चे स्कूल आना शुरू किए तो उनकी पढ़ाई में और रुचि जगाने एवं बेहतर शिक्षा देने के उद्देश्य मैंने 6 प्राथमिक शाला एवं 2 माध्यमिक शाला के बच्चों को बस्ता मुक्त करने की योजना बना कर उन्हें आज बस्ता मुक्त कर दिया है, जिससे बच्चे स्कूल में आते हैं, वहीं पर उन्हें बस्ता उपलब्ध हो जाता है। वहीं शासकीय स्कूलों के बच्चे भी निजी शैक्षणिक संस्थाओं के बच्चों के समान टाई बेल्ट एवं परिचय पत्र मिल सके, इसके लिए भी पहल की गई है। टाई बेल्ट एवं परिचय पत्र की व्यवस्था शाला प्रबंध समिति एवं पालकों के सहयोग से की गई है, जिससे बच्चे बहुत खुश है एवं मन लगाकर पढ़ाई भी कर रहे हैं।
ऐसे किया बस्ता मुक्त
संकुल समन्वयक उपेंद्र कुमार सिंह बताते हैं कि बच्चे पहले स्कूल में बसता लेकर आते थे, जिससे उन्हें अनावश्यक बोझ का सामना करना पड़ता था। इससे उन्हें मुक्ति दिलाने के लिए मैंने सभी बच्चों के लिए पुराने किताब की व्यवस्था की। जिसके बाद उनको एक सेट किताब पुराना उपलब्ध कराया और एक नया, जिसके बाद एक घर में रखते हैं और एक स्कूल में ही रहता है, जिससे आज बच्चे बस्ता मुक्त हो गए हैं। ग्रामीण क्षेत्र के बच्चों को अभी स्कूल में जाने के लिए टाई बेल्ट एवं परिचय पत्र उपलब्ध करा दिया गया है, जिससे बच्चे बहुत खुश हैं। उत्साह के साथ स्कूल में आकर पढ़ाई कर रहे हैं। जिस प्रकार से 560 बच्चों के शिक्षा के स्तर को सुधारने एवं गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने के लिए शिक्षक के द्वारा पहल की गई है, इससे अभिभावक भी संतुष्ट है ंकि हमारे बच्चे निजी शैक्षणिक संस्थाओं के सामान टाई बेल्ट एवं परिचय पत्र के साथ अच्छी शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं, वहीं बच्चों को बस्ता मुक्त कर दिया गया है।