कोरबा

कुसमुंडा गोलीकांड का खुलासा, 2 गिरफ्तार, अन्य की तलाश
08-Dec-2021 4:41 PM
कुसमुंडा गोलीकांड का खुलासा, 2 गिरफ्तार, अन्य की तलाश

फंसाने खुद पर चलवाई थी गोली, 20 लाख वसूली की थी तैयारी, पिस्टल-खाली कारतूस बरामद

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कोरबा, 8 दिसंबर।
पुलिस ने कुसमुंडा गोलीकांड की गुत्थी सुलझा ली है। इस मामले में पुलिस ने 2 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपियों द्वारा 20 लाख वसूलने की तैयारी थी। पुलिस ने घटना में प्रयुक्त पिस्टल एवम खाली कारतूस बरामद किया है। मामले में अन्य आरोपी फरार हैं, जिनकी तलाश की जा रही है।

पुलिस के अनुसार 28 नवंबर की रात्रि करीब 10.30 बजे प्रार्थी सुमित चौधरी चकरभाठा बिलासपुर के द्वारा पुलिस अधीक्षक कोरबा भोजराम पटेल को फोन के माध्यम से सूचित किया गया कि कुसमुंडा रेलवे साइडिंग के पास  अशरफ खान, राजा खान एवं अभिषेक आनंद के द्वारा प्रार्थी को जान से मारने की नीयत से गोली मारा गया है, जो उसके  जांघ में गोली लगी है।

पुलिस अधीक्षक भोजराम पटेल द्वारा तत्काल थाना प्रभारी कुसमुंडा निरीक्षक लीलाधर राठौर, सायबर सेल प्रभारी उप निरीक्षक कृष्णा साहू एवं सर्वमंगला चौकी प्रभारी सहायक उप निरीक्षक विभव तिवारी को मौके पर भेजा एवं घायल को जिला चिकित्सालय में भर्ती कराकर उपचार कराने एवं आरोपियों को गिरफ्तार करने के निर्देश दिए।

 पूछताछ पर सुमित चौधरी ने बताया कि वह 28 नवंबर को अपने साथी दूजराम साहू के साथ बुलेट मोटर साईकल से कोरबा से बिलासपुर जा रहा था , कुसमुंडा रेलवे साइडिंग के पास कुछ लोगों को खड़े देखकर  साइडिंग के अंदर गया। जहां पर राजा खान, अशरफ खान, अभिषेक आनंद एवं कुछ अन्य लोग खड़े थे, जिनके  साथ बातचीत के दौरान द्वारा पूर्व  रंजिश को लेकर अशरफ खान के द्वारा सुमित चौधरी को गोली मार दिया गया । गोली सुमित चौधरी के जांघ में लगी।  सुमित चौधरी और दूजराम साहू ने वहां से भागकर अपनी जान बचाई।  सुमित चौधरी के रिपोर्ट पर थाना कुसमुंडा में अपराध पंजीबद्ध कर जांच शुरु की गई।

 प्रार्थी के द्वारा बताए गए घटनाक्रम घटनास्थल का निरीक्षण, चिकित्सकीय रिपोर्ट, बैलेस्टिक एक्सपर्ट की रिपोर्ट एवं अन्य परिस्थितिजन्य साक्ष्य के आधार पर प्रारंभ से ही लग रहा था कि मामला झूठा है, प्रार्थी द्वारा किसी बड़ी साजिश के तहत मामले में नामजद आरोपियों को फंसाने हेतु साजिश रचा गया है।

 मामले की गंभीरता एवं संवेदनशीलता को देखते हुए पुलिस अधीक्षक श्री पटेल द्वारा मामले की जानकारी पुलिस महानिरीक्षक रतनलाल डांगी को दी गई। श्री डांगी से प्राप्त दिशानिर्देश के अनुसार पुलिस अधीक्षक भोजराम पटेल द्वारा मामले के सच्चाई का खुलासा करने हेतु अतिरिक्त पुलिस अधीक्षकअभिषेक वर्मा के नेतृत्व एवं नगर पुलिस अधीक्षक दर्री सुश्री लितेश सिंह के पर्यवेक्षण में  विशेष टीम का गठन किया गया एवं सभी बिंदुओं पर  बारीकी से जांच के निर्देश दिए गए ।

 जांच के दौरान पता चला कि प्रार्थी सुमित चौधरी के पास एक लाल रंग की कार है, जिसमें वह हमेशा आना-जाना करता है किंतु वह घटना दिनांक को बुलेट के माध्यम से बिलासपुर जा रहा था, साथ ही कुसमुंडा थाना से नजदीक होने के बावजूद थाना न जाकर सीधे पुलिस अधीक्षक को फोन लगाकर सूचना देना, बिना काम के बिलासपुर जाते समय घटना स्थल पर जाने की आवश्यकता क्यों हुई, आदि कई बिंदुओं पर संदेह उत्पन्न हो रहा था।
पुलिस ने  आगे जांच किया तो ज्ञात हुआ कि मामले में जिन आरोपीगण को नामजद किया गया है वे लोग घटना समय कहीं और थे, जिसका प्रामाणिक तकनीकी साक्ष्य उपलब्ध है। यह  स्पष्ट हो गया था कि प्रार्थी ने सोची समझी रणनीति के तहत गहरी साजिश रची है। सुमित चौधरी सिर्फ मोहरा है ,पर्दे के पीछे कोई और है।
 जांच के दौरान सुमित चौधरी के जान पहचान एवं दोस्तों की सूची प्राप्त की गई तो चौंकाने वाला खुलासा हुआ कि सुमित चौधरी पूर्व डीजल माफिया साजिद खान एवं गोपू पांडेय के गैंग का है, साथ ही रायपुर जेल में बंद चीना पांडेय का मुख्य शागिर्द है और चीना पांडेय के मोबाइल के उपयोग कर रहा है। इस आधार पर पूरे गैंग के लोगों का कुंडली खंगाला गया, साथ ही प्रार्थी सुमित चौधरी के साथ घटना के समय उपस्थित रहे दूजराम साहू को पूछताछ करने पर वह बार-बार अपना बयान बदल रहा था एवं बयान देने में घबरा  रहा था, जिससे पुलिस का शक और पुख्ता हुआ। इसी दौरान मुखबिर से जानकारी मिली कि घटना दिनांक को सुमित चौधरी, दूजराम राम साहू के साथ मुस्तकीम खान उर्फ मुस्सू नामक लडक़ा भी देखा गया था। इस आधार पर मुस्तकीम खान को हिरासत में लेकर दूजराम साहू और मुस्तकीम खान से एकसाथ पूछताछ की गई। पुलिस की पूछताछ एवं तकनीकी साक्ष्यों के आगे गवाह दूजराम साहू और आरोपी मुस्तकीम खान ज्यादा देर तक टिक नहीं सके और सच्चाई बना बयां कर दी।

 गवाह दूजराम साहू एवं आरोपी  मुस्तकीम खान उर्फ मुस्सू  ने बताया कि पूर्व में साजिद खान अपने साथियों के साथ मिलकर कुसमुंडा दीपका खदान में डीजल चोरी करता था, किंतु करीब चार-पांच महीने से डीजल चोरी बंद है , जिससे साजिद खान बौखलाया हुआ है। अशरफ खान, राजा खान और अभिषेक आनंद से साजिद खान का पूर्व का लेनदेन है जिसे अशरफ नहीं दे रहा है, इसलिए साजिद खान ने अपने साथी गोपू पांडेय, कमल अग्रवाल, कोमल पटेल, कालीचरण, गौरव ठाकुर, अभिषेक, सुमित चौधरी, मुस्तकीम उर्फ मुस्सू  के साथ मिलकर इस घटनाक्रम की साजिश रचा और तय हुआ कि अशरफ खान राजा खान एवं  अभिषेक आनन्द के खिलाफ कोई संगीन जुर्म लगाकर उन्हें जेल भिजवा दिया जाए और फिर ब्लेकमेल कर रकम की मांग की जाए । साजिद खान और गोपू  पांडेय ने तय किया कि  धारा 307(हत्या के प्रयास) के मामले में फंसाया जाए ताकि लंबे समय तक ये लोग जेल में रहे और केस में समझौता करने के लिए 20 लाख रुपए मांगा जाए।  

 तयशुदा  प्लान के अनुसार गोपू पांडेय ने बताया कि जांघ में गोली लगने से कोई खास नुकसान नहीं होता है ,फिर शातिर बदमाश चीना पांडेय के शागिर्द सुमित चौधरी को गोली खाने हेतु तैयार किया गया। सुमित चौधरी गोली खाने हेतु तैयार हो गया, किंतु अब समस्या गोली मारने वाले की थी। जिसके लिए कोई तैयार नहीं हो रहा था, तब गोपू पांडेय  ने  मुस्तकीम उर्फ मुस्सू खान नामक शातिर चोर को  1 लाख रुपए सुपारी देकर गोली मारने हेतु तैयार किया और अपने पास रखे पिस्टल को सुमित चौधरी को दिया। तय शुदा प्लान के अनुसार सुमित चौधरी, दूजराम साहू और मुस्तकीम खान उर्फ मुस्सू 27 नवंबर को कुसमुंडा रेलवे साइडिंग के पास पहुंचे, किंतु उस दिन सुमित चौधरी अपने जांघ में गोली मरवाने  की हिम्मत नहीं कर सका, तब सभी लोग वापस आ गए।

 इस बात की जानकारी होने पर गोपू पांडेय ने धमकाते हुए कहा कि तुझे गोली खाना ही पड़ेगा भाई का काम है नहीं तो साजिद भाई नाराज हो जाएगा। तब दिनांक 28 नवंबर को सुमित चौधरी और दूज राम साहू एक बुलेट मोटरसाइकिल में कोरबा से कुसमुंडा रेलवे साइडिंग पहुंचे और मुस्तकीम उर्फ मुस्सू खान अपने मोटरसाइकिल से कुसमुंडा रेलवे साइडिंग पहुंचा, लगभग 9.30 बजे मुस्तकीम खान ने सुमित चौधरी के जांघ में गोली मार दी और वहां से भाग गया। भागते हुए रास्ते में झाडिय़ों में उसने पिस्टल को फेंक दिया और फोन कर गोपू पांडे को बताया कि भाई काम हो गया है। इसके बाद सुमित चौधरी प्लान के अनुसार अपने साथी दूजराम साहू के साथ बुलेट में बैठकर सर्वमंगला पुल के पास आया और वहीं से पुलिस अधीक्षक कोरबा भोजराम पटेल को फोन लगाकर घटना की सूचना दी।

 मामले में अभी तक आरोपी मुस्तकीम उर्फ मुस्सू खान एवं सुमित चौधरी को गिरफ्तार कर लिया गया है। घटना में प्रयुक्त पिस्टल और खाली कारतूस बरामद कर लिया गया है। मामले में अन्य आरोपी फरार हैं जिनकी तलाश की जा रही है।

यहां यह उल्लेखनीय है कि इस मामले का प्रार्थी सुमित चौधरी पूर्व में नामी गुंडा बदमाशी चिना पांडे के गैंग में रह चुका है चीना पांडे का साथ अवैध पिस्टल के साथ गरियाबंद जिले में पकड़ा गया था और अवैध पिस्टल के साथ बिलासपुर में भी एक मामले में पकड़ा गया है। चीना पांडे के जेल में रहने के दौरान चीना पांडे के मोबाइल फोन का उपयोग भी सुमित चौधरी ही कर रहा है।

 उक्त मामले को सुलझाने में थाना प्रभारी कुसमुंडा निरीक्षक लीलाधर राठौर, थाना प्रभारी  कोतवाली निरीक्षक रामेन्द्र सिंह ,सायबर सेल प्रभारी उप निरीक्षक कृष्णा साहू,प्र आर कृपा शंकर दुबे, आरक्षक वीरेंद्र पटेल, विकास कोसले , योगेश राजपूत, बिपिन बिहारी नायक , गौरव चंद्रा,आकाश वर्मा,विशाल वर्मा,महेंद्र चंद्रा, शीतल राज, दुष्यंत कंवर एवम पुष्पेंद्र पटेल की महत्वपूर्ण भूमिका रही है।
 

अन्य पोस्ट

Comments

chhattisgarh news

cg news

english newspaper in raipur

hindi newspaper in raipur
hindi news