महासमुन्द
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद,8 दिसंबर। जिला पंचायत सदस्यों को क्षेत्र के विकास के लिए दिए जाने वाली 15वें वित्त आयोग की राशि के आवंटन में मनमानी का आरोप लगाते हुए भाजपा ने कल प्रदर्शन किया।
भाजपा समर्थित जिला पंचायत के सदस्यों का आरोप है कि जिला पंचायत में कांग्रेस समर्थित अध्यक्ष होने के कारण भाजपाइयों के साथ भेदभाव किया जा रहा है। भाजपा समर्थित सदस्यों को विकास कार्यों के लिए कम राशि जारी की गई है और कांग्रेस समर्थित सदस्यों को अधिक रकम विकास कार्योंं के लिए स्वीकृत की गई है। इसी के विरोध में भाजपा ने मंगलवार को प्रदर्शन करते हुए कलेक्टोरेट का घेराव किया।
मालूम हो कि इस प्रदर्शन को लेकर भाजपा ने कलेक्टोरेट परिसर के पास आरटीओ दफ्तर के सामने टेंट लगवाया था लेकिन पुलिस और तहसीलदार की मौजूदगी में इसे हटा दिया गया। इसके बाद भाजपाई जल संसाधन विभाग के सरकारी आवास के सामने ही सडक़ किनारे कुर्सी लगाकर प्रदर्शन में बैठ गए। यहां सभी ने जिला पंचायत अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, सीईओ और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। इसके बाद सभी पैदल कलेक्टोरेट पहुंचे। बाहर ही मेन गेट पर पुलिस ने भाजपाइयों को रोकने का प्रयास किया गया लेकिन सभी परिसर के भीतर घुस गए। कलेक्टर से मिलने की बात को लेकर भाजपाइयों ने नारेबाजी की। यहां कलेक्टर से मुलाकात की और आश्वासन के बाद सभी वापस लौट आए।
इस दौरान जिलाध्यक्ष रूपकुमारी चौधरी, जिला पंचायत सदस्य अल्का नरेश चंद्राकर, बिंद्रावती पांडे सहित भाजपा जिला महामंत्री प्रदीप चंद्राकर, जिला उपाध्यक्ष योगेश्वर राजू सिन्हा, शहर मंडल अध्यक्ष सतपाल सिंह पाली सहित बड़ी संख्या में भाजपाई मौजूद थे।
भाजपा जिलाध्यक्ष रूपकुमारी चौधरी और जिला पंचायत सदस्य अल्का नरेश चंद्राकर का कहना है कि जिला पंचायत अध्यक्ष तानाशाही तरीके से कार्य कर रही है। उन्होंने 15 वें वित्त आयोग की राशि साल 2019.20 व 20.21 में भेदभाव करते हुए सदस्यों को आबंटित की हैं। अध्यक्ष और उपाध्यक्ष ने 15वें वित्त के तहत विकास कार्यों के लिए प्राप्त राशि में से अधिक राशि अपने मद में रखा है। जबकि अन्य सदस्यों को 19.20 में 38.50 लाख व 20. 21 में किसी सदस्य को 28 तो किसी को 20 लाख ही दिया है। भाजपा समर्थित जिला पंचायत सदस्य अल्का नरेश चंद्राकर को केवल 11.50 लाख रुपए आबंटित किया गया है। जबकि 40 लाख रुपए का इस्टीमेट दिया गया था।