महासमुन्द

कोडार जलाशय क्षेत्र में बने ईको पर्यटन केन्द्र में लघु वृत्तचित्र का सीएम ने किया वर्चुअल लोकार्पण
09-Dec-2021 5:14 PM
कोडार जलाशय क्षेत्र में बने ईको पर्यटन केन्द्र में लघु वृत्तचित्र का सीएम ने किया वर्चुअल लोकार्पण

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद, 9 दिसंबर।
प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कल महामसुंद जिले के कोडार जलाशय क्षेत्र में बने वन चेतना केन्द्र कुहरी में कोडार ईको-पर्यटन केन्द्र पर आधारित लघु वृत्तचित्र का वर्चुअल माध्यम से लोकार्पण किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री बघेल ने महासमुंद जिले वासियों को बधाई देते हुए कहा कि इससे पर्यटन को और अधिक बढ़ावा मिलेगा, साथ ही स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर भी प्राप्त होगा।  

     
मालूम हो कि इसका संचालन वन प्रबंधन समिति द्वारा किया जाएगा। उन्होंने कहा कि कोडार जलाशय पहाड़ों से घिरा हुआ है। यहां पर ईको पर्यटन केन्द्र शुरू होने से प्रदेश भर के पर्यटक कोडार जलाशय के मनोरम दृश्य, जैव विविधता एवं भौगोलिक विविधता का आनंद ले सकेंगे। यह विद्यार्थियों और ग्रामीणों के साथ-साथ बाहर से आने वाले पर्यटकों की जरूरतों को पूरा करने वाला एक अच्छा प्राकृतिक शिक्षा केन्द्र होगा। इस दौरान मुख्यमंत्री श्री बघेल ने वन समिति कुहरी के सदस्यों से भी चर्चा की। इस अवसर पर कलेक्टर डोमन सिंह, वन मंडलाधिकारी पंकज राजपूत, सीईओ एस आलोक, जिला पंचायत के उपाध्यक्ष लक्ष्मण पटेल, जनपद अध्यक्ष यतेन्द्र साहू, जिला पंचायत सदस्य अमर चंद्राकर सहित जनप्रतिनिधि, नागरिक, वन समिति के सदस्य उपस्थित थे।

कोडार जलाशय क्षेत्र में आयोजित इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि संसदीय सचिव एवं महासमुंद विधायक विनोद चंद्राकर थे। उन्होंने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि वन चेतना केन्द्र कोडार रायपुर से मात्र 65 किमी, महासमुंद मुख्यालय से 17 किमी एवं सिरपुर नगरी से 20 किमी की दूरी पर नेशनल हाईवे क्रमांक 53 पर स्थित है। पर्यटन की सुविधा, एडवेंचर, मनोरंजन, स्वास्थ्य लाभ, संस्कृति पर्यावरण संचेतना एवं स्थानीय रोजगार के विकास का अद्भुत समागम प्रस्तुत करते हुए वन चेतना केन्द्र का संचालन वन प्रबंधन समिति कुहरी के द्वारा किया जा रहा है। यहां पर पर्यटकों के लिए नाईटए कैम्प फॉयर एवं स्टार गेजिन की सुविधा उपलब्ध की गयी है। यहां मनोरंजन हेतु वॉलीबॉल, नेट, क्रिकेट, बैडमिंटन, कैरम, शतरंज, निशानेबाजी की व्यवस्था की गई है।

मुख्य वन संरक्षक वृत्त रायपुर जीआर नायक ने बताया कि यहां नौका विहार, बैम्बूंग राफ्टिंग एवं पर्यटकों के स्वल्पाहार हेतु स्थानीय छत्तीसगडढ़ी व्यंजन एवं सुपाच्य भोजन की व्यवस्था है। सनसेट देखने का सुकून भरा अनुभव, सेल्फी जोन एवं फिशिंग का आनंद लिया जा सकता है। वन चेतना केन्द्र में जिला महासमुंद के स्वसहायतों के बनाये उत्पादों एवं संजीवनी के उत्पादों के विक्रय की सुविधा का विकास भी किया जा रहा है। स्थल के समीप खल्लारी माता मंदिर स्थित है जहां पर्यटकों के द्वारा दर्शन भी किया जा सकता है।

जिला खनिज न्यास संस्थान मद, महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना, विधायक निधि एवं विभाग के पर्यावरण वानिकी मद़ जैसे मदों के अभूतपूर्व अभिसरण से पोषित प्रकृति की गोद में स्थित ईको पर्यटन के इस केन्द्र में न्यूनतम निर्माण कार्य करते हुए एवं वनों की प्राकृतिक सुंदरता को बनाए रखते हुएए जनसामान्य में वन चेतना का संचार करने का प्रयास किया जा रहा है। उक्त कार्य में 39.14 लाख रुपए की राशि का कार्य किया जा चुका है एवं 40 लाख का कार्य प्रगति पर है। वर्तमान में पहुंच मार्ग उन्नयन, वाटर सप्लाई सिस्टम, मचान,ट्री हाउस, नेचर ट्रेल बर्ड वाचिंग एवं मोटर बोट की सुविधा के विकास का कार्य प्रगति पर है।

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