सूरजपुर
नव पदस्थ महाप्रबंधक ने कहा आमगांव एवं अमेरा खुली खदान खोलने हो रही पहल
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिश्रामपुर,11 दिसम्बर। एसईसीएल बिश्रामपुर क्षेत्र के नव पदस्थ महाप्रबंधक अमित सक्सेना ने कहा कि कामगारों व क्षेत्रवासियों के सहयोग से बिश्रामपुर क्षेत्र का स्वर्णिम युग फिर से लौटने वाला है, इस बात का उन्हें पूर्ण विश्वास है।
नव पदस्थ महाप्रबंधक श्री सक्सेना ने स्थानीय पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि बिश्रामपुर क्षेत्र का इतिहास काफी अच्छा रहा है। किंतु 2011-12 के बाद परिस्थितियों में बदलाव आया और क्षेत्र लगातार घाटे में चलता गया। उन्होंने कहा कि क्षेत्र के घाटे में जाने के लिए कहां कमियां रह गई, जिसके चलते या क्षेत्र लगातार घाटे में चलता रहा। किंतु पुरानी बातों को भूल कर सकारात्मक सोच के साथ नई शुरुआत करना चाहते हैं।
उन्होंने कहा कि बिश्रामपुर क्षेत्र की रीढ़ माने जाने वाली आमगांव एवं अमेरा खुली खदान विगत 3 वर्षों से बंद पड़ी है, उनके नाम बंद पड़ी खदानों को पुन: चालू करवाने के लिए खदान प्रभावित क्षेत्रों में ग्रामीण से जाकर चर्चा करेंगे, इसकी शुरुआत हमने की भी है, जिसका काफी सकारात्मक परिणाम देखने को मिला है।
महाप्रबंधक श्री सक्सेना ने आगे कहा कि बंद पड़ी दोनों खदानों के खुल जाने से प्रभावित भू स्वामियों को जहां नौकरी मिलेगा, वहीं उनका जीवन स्तर भी सुधरेगा। उनके परिवार के स्वास्थ्य शिक्षा सहित अन्य सुविधाएं प्रबंधन मुहैया कराएगी। साथ ही लोगों के आय में वृद्धि भी होगी। इन सबके साथ प्रदेश सरकार को रॉयल्टी के रूप में भारी भरकम राशि भी प्राप्त होगी, जो क्षेत्र के विकास में खर्च होगा। इसी प्रकार मेरा सबसे पहला सोच जनता का हित करना है, जनता का हित तभी होगा, जब क्षेत्र के सभी खदानें प्रचुर मात्रा में कोयला उत्पादन करें। कोयला खदान से कोयला उत्पादन होने से क्षेत्र का काफी विकास होगा।
श्री सक्सेना ने कहा कि मैंने पदभार ग्रहण करने के बाद जिला प्रशासन के अधिकारियों से मुलाकात कर अपनी बातें रखी, साथ ही काफी सकारात्मक चर्चा भी हुई। अब हमें क्षेत्र को घाटे से उबारने के लिए सभी के सहयोग के साथ आगे बढऩा होगा। क्षेत्र के 29 वे महाप्रबंधक के रूप में सक्सेना ने पदभार ग्रहण किया। महाप्रबंधक अमित सक्सेना ने 30 नवंबर को पदभार ग्रहण किया। श्री सक्सेना को लगातार घाटे में चल रही बिश्रामपुर क्षेत्र को मुनाफे की ओर ले जाने के लिए सबके साथ मिलकर जहां कार्य करना होगा, वहीं यह रास्ता आसान भी नहीं है।
किंतु ऐसी स्थिति भी नहीं है कि क्षेत्र को पुन: पूर्व की स्थिति में नहीं ले जाया जा सकता है। आमगांव अमेरा खदानें अगर पुन: शुरू हो जाती हैं तो बिश्रामपुर का भविष्य काफी उज्जवल होगा।