बिलासपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 16 दिसंबर। परिवार के किसी सदस्य के सरकारी सेवा में होने पर उसे अनुकंपा नियुक्ति नहीं दी जा सकती लेकिन जांजगीर अधिकारियों ने पत्नी, बेटे और बहू को पोस्टिंग दे दी। ऐसे पांच मामलों में संयुक्त संचालक ने कार्रवाई करते हुए नियुक्ति निरस्त की है।
एक अधिवक्ता अश्वनी शुक्ला की शिकायत के बाद संयुक्त संचालक ने मामले की जांच कराई थी। शुरूआत में ही गड़बड़ी पाये जाने के बाद एक शिक्षक आशुतोष दुबे की नियुक्ति रद्द कर दी गई। बाकी चार की जांच कराई गई। जानकारी मिली कि सहायक ग्रेड 3 मोनिका पांडेय को उनके ससुर रामनारायण पांडे की मृत्यु के बाद नियुक्ति दी गई, जबकि मोनिका पांडे का पति सहायक शिक्षक है।
सहायक शिक्षक विनय कुर्रे के निधन के बाद उनकी बहन विभा कुर्रे को नौकरी दी गई जबकि उनकी मां छतकुमारी हेडमास्टर हैं। गणेश राम पोर्ते के निधन के बाद बेटे जीतू कुर्रे को सहायक ग्रेड 3 पद नियुक्ति दी गई जबकि उसकी मां लता पोर्ते सहायक शिक्षक हैं। इसी तरह व्याख्याता रामचंद्र कश्यप के बेटे सौरभ को नियुक्ति दी गई जबकि उसकी मां शासकीय शिक्षिका हैं।
ये सभी नियुक्ति तत्कालीन डीईओ केएस तोमर के कार्यकाल में की गई थी। अपने बचाव के लिये अधिकारियों ने सभी आवेदकों से फर्जी शपथ पत्र ले लिया था, जबकि शपथ पत्र का का वेरिफिकेशन नहीं कराया गया। संयुक्त संचालक ने वर्तमान डीईओ से जानकारी मांगी है कि नियुक्ति की प्रक्रिया में कौन-कौन अधिकारी, कर्मचारी शामिल थे, ताकि उनके विरुद्ध कार्रवाई की जा सके।