राजनांदगांव
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 23 दिसंबर। शासकीय कमलादेवी राठी स्नातकोत्तर महिला महाविद्यालय राजनांदगांव में गत् 20 दिसंबर को भूगोल विभाग एवं अंग्रेजी विभाग के तत्वावधान में समकालीन शिक्षा और बौद्धिक संपदा अधिकारों के बीच चुनौती पूर्ण संबंध विषय पर एक दिवसीय राष्ट्रीय वेबीनार का आयोजन प्रो. एडीएन बाजपेई के आतिथ्य में संपन्न हुआ। डॉ. निवेदिता ए. लाल द्वारा मुख्य अतिथि एवं विषय विशेषज्ञों तथा बेबीनार में उपस्थित प्रबुद्धजनों का स्वागत किया।
प्राचार्य डॉ. सुमन सिंह बघेल ने कहा कि बौद्धिक संपदा अधिकार रचनाकारों और अविष्कारकों के आर्थिक और नैतिक अधिकार को उनकी कृतियों और अविष्कारों के मामले में वैधानिक अभिव्यक्ति प्रदान करते है। वेबीनार की संयोजक डॉ. एचके गरचा ने कहा कि मानवीय बौद्धिक सृजनशीलता को प्रोत्साहन देना है। बौद्धिक संपदा अधिकारों का क्षेत्र व्यापक होने के कारण यह समझा गया कि क्षेत्र विशेष के लिए उसके संगत अधिकारों एवं संबंद्ध नियमों आदि की व्यवस्था की जाए तथा उन्होंने मुख्य अतिथि व विषय विशेषज्ञ सुयश पांडे का परिचय भी दिया।
मुख्य अतिथि प्रो. एडीएन बाजपेई ने कहा कि जिस प्रकार कोई भौतिकधन (फिजिकल प्रापर्टी) का स्वामी होता है, उसी प्रकार कोई बौद्धिक संपदा का भी स्वामी हो सकता है। केके द्विवेदी द्वारा प्रो. कमल शर्मा का परिचय दिया गया। प्रो. कमल शर्मा, डॉ. एचएस गौर ने कहा कि मनुष्य अपनी बुद्धि से कई तरह के अविष्कार और नई रचनाओं को जन्म देता है, उन पर उसका पूरा अधिकार होता है, परंतु उसके इस अधिकार के सुरक्षा की चिंता भी उसे भी रहती है, इसे ध्यान में रखत बौद्धिक संपदा अधिकार संबंधी संगठन और नियम बनाए गए। डॉ. अमित दुबे, विषय विशेषज्ञ सुयश पांडे ने भी अपने विचार रखे। कार्यक्रम का सफल संचालन डॉ. निवेदिता ए. लाल तथा डॉ. जयसिंह साहू द्वारा धन्यवाद ज्ञापन किया गया।